×

नए साल से उत्तराखंड में लागू होगा ग्रीन सेस, बाहरी राज्यों की गाड़ियों को देनी होगी 700 रुपये तक एंट्री फीस

 

नए साल से उत्तराखंड में बाहर के राज्यों से आने वाली गाड़ियों को ग्रीन सेस देना होगा. यानी दूसरे राज्यों की गाड़ियों को उत्तराखंड में एंट्री करते वक्त एक तरह की फीस देनी होगी. ये फीस गाड़ियों की कैटेगरी के हिसाब से ली जाएगी, जो 80 रुपये से लेकर 700 रुपये तक तय किया गया है. इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. अब इस ग्रीन सेस योजना को 1 जनवरी 2025 से लागू करने की तैयारी की जा रही है.

गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाराजगी जताई कि दो साल से ग्रीन सेस योजना को आगे क्यों नहीं बढ़ाया गया. सचिवालय में 2025-26 की राजस्व समीक्षा बैठक (Revenue review meeting) के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन सेस फरवरी 2024 में लागू करने की घोषणा हुई थी और दरों में संशोधन भी किया गया, लेकिन अभी तक इस योजना को लागू नहीं किया गया. इससे राज्य को करीब 100 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है.

किस वाहन पर कितना ग्रीन सेस?
भारी गाड़ियों पर एक्सेल के हिसाब से 450 से 700 रुपये तक फीस ली जाएगी. भारी निर्माण उपकरण वाहनों पर 250 रुपये का ग्रीन सेस लगेगा. वहीं 7.5 से 18.5 टन की गाड़ियों से 250 रुपये, 3 से 7.5 टन के हल्के माल वाहनों से 120 रुपये और तीन टन तक की डिलीवरी वैन से 80 रुपये ग्रीन सेस लिया जाएगा. 12 सीट से ज्यादा की बसों पर 140 रुपये, जबकि मोटर कैब, मैक्सी कैब और पर्सनल कारों पर 80 रुपये ग्रीन सेस देना होगा. एक बार दी गई ग्रेन सेस फीस पूरे दिन के लिए मान्य रहेगी. इसके अलावा अगर 20 गुना ग्रीन सेस एक बार दिया जाता है तो तीन महीने और 60 गुना ग्रीन देने पर एक साल की छूट मिल सकती है.

बाहर से आने वाली गाड़ियों से ग्रीन सेस फास्टैग के जरिए लिया जाएगा. इसके लिए उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से लगी सीमाओं पर 10 बॉर्डर चेक पोस्ट तैयार कर लिए गए हैं, जबकि 6 अन्य पर काम जारी है. मेजर बॉर्डर्स पर लगे NPR कैमरों से सीधे फास्टैग के जरिए ग्रीन सेस कटेगा. सरकार को इससे हर साल करीब 50 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है, जिसका इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण और अन्य विकास कार्यों में किया जाएगा.

आर्थिक मजबूती के लिए पूंजीगत निवेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आर्थिक मजबूती के लिए पूंजीगत निवेश बढ़ाया जा रहा है. पूंजीगत खर्च में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी से सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचे के काम तेज होंगे. उन्होंने सभी विभागों और जिलाधिकारियों को राजस्व की नियमित निगरानी करने, कर चोरी रोकने के लिए तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने और रजिस्ट्रेशन, निबंधन प्रक्रियाओं (Registration procedures) को पूरी तरह डिजिटल करने के निर्देश दिए.

आय बढ़ाना सरकार की प्रायोरिटी
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि राज्य के विकास के लिए अपने संसाधनों से आय बढ़ाना सरकार की प्रायोरिटी है. उन्होंने बताया कि खनन सुधारों से राज्य को 200 करोड़ रुपये मिले हैं और वित्तीय वर्ष 202526 के लिए 24,015 करोड़ रुपये का कर लक्ष्य तय किया गया है. दूसरे राज्यों के दोपहिया वाहन, केंद्र और राज्य सरकार के वाहन, दूसरे प्रदेशों के सरकारी वाहन, ट्रैक्टर, ट्रॉली, रोड रोलर और कंबाइन हार्वेस्टर पर ग्रीन सेस नहीं लगेगा. इसके अलावा एंबुलेंस, शव वाहन, फायर ब्रिगेड और सेना के वाहनों को भी इससे छूट मिलेगी. इसके अलावा बिजली, सोलर, हाइब्रिड और सीएनजी से चलने वाले वाहनों को भी ग्रीन सेस नहीं देना होगा.