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उत्तराखंड सीमा के पास काशीपुर हाईवे पर होटल में आग, 40 लोग फंसे, सभी सुरक्षित निकाले गए

 

उत्तराखंड सीमा से सटे ग्राम डिबडिबा में मंगलवार की देर रात एक भयावह घटना घटी। काशीपुर हाईवे स्थित सोबती कॉन्टिनेंटल होटल के हॉल में शॉर्ट सर्किट के कारण टेंट के सामान में आग लग गई। आग के फैलते ही धुएं में लगभग 40 लोग फंस गए, जिससे वहां अफरातफरी मच गई।

सूचना मिलते ही रुद्रपुर और स्थानीय फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। रुद्र बिलास चौकी पुलिस की मदद से फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने बताया कि करीब एक घंटे के प्रयास के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया।

फायर ब्रिगेड अधिकारियों ने कहा कि आग के समय हॉल में मौजूद लोगों ने तेजी से प्रतिक्रिया की, जिससे किसी भी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि आग टेंट के सामान में लगी, जिसके कारण धुआं अधिक फैल गया, लेकिन समय पर राहत कार्य और पुलिस की मदद से सभी लोग सुरक्षित बाहर निकाले गए।

स्थानीय पुलिस ने बताया कि फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच जारी है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को मुख्य कारण माना जा रहा है, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही आग लगने के अन्य संभावित कारणों का पता चलेगा।

होटल प्रबंधन ने भी आग लगने की पुष्टि की और कहा कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था, लेकिन शॉर्ट सर्किट जैसी अप्रत्याशित स्थिति से बच पाना मुश्किल था। उन्होंने आग में फंसे लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए फायर ब्रिगेड और पुलिस की सराहना की।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों और होटल हॉल में आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करना जरूरी है। नियमित इलेक्ट्रिकल निरीक्षण, आपातकालीन निकासी मार्ग और आग बुझाने के उपकरणों की जांच समय-समय पर होनी चाहिए।

स्थानीय नागरिकों और होटल में मौजूद लोगों ने राहत व्यक्त की कि कोई भी घायल नहीं हुआ। उन्होंने फायर ब्रिगेड और पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। अधिकारी भी इस घटना को एक चेतावनी मानते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दे रहे हैं।

कुल मिलाकर, सोबती कॉन्टिनेंटल होटल में लगी आग के बावजूद सभी लोग सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए। इस घटना ने यह संदेश दिया कि आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और आपसी सहयोग से जानमाल की हानि रोकी जा सकती है। फिलहाल अधिकारियों की निगरानी और जांच जारी है, ताकि आग लगने की वास्तविक वजह का पता चल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।