Uttrakhand के हर जिले में बनेंगे संस्कृत ग्राम, वेद-पुराण का भी मिलेगा ज्ञान !
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को संस्कृत में दक्षता हासिल करने के लिए वेद और पुराण भी सिखाए जाएंगे। संस्कृत ग्राम कहे जाने के लिए इनमें से प्रत्येक गांव में प्राचीन भारतीय संस्कृति का केंद्र होगा। मंत्री रावत ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपने पूर्वजों की भाषा बोलने में सक्षम होना चाहिए। यह पहल युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों के करीब ले जाएगी। साथ ही ये गांव देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत की प्राचीन संस्कृति से रूबरू भी करवाएंगे।
गौरतलब है कि संस्कृत गांवों को विकसित करने का विचार पहली बार त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री काल के दौरान हुआ था, लेकिन यह योजना आगे नहीं बढ़ी। बगेश्वर और चमोली में कुछ पायलट परियोजनाओं तक ही यह प्रोजेक्ट सीमित रहा। हालांकि, धन सिंह रावत का कहना है कि इसे इस बार पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
--आईएएनएस
देहरादून न्यूज डेस्क !!!
स्मिता/आरएचए