Chardham Yatra : परिवहन विभाग की मनमानी, मानक से ज्यादा लंबी बसें भेजी !
जांच में यह भी पता चला कि तीनों बसों ने यात्रा से पहले हरिद्वार एआरटीओ कार्यालय में ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया था। वहां जब फिटनेस जांच हुई तो लंबाई अधिक होने से इनका ग्रीन कार्ड आवेदन निरस्त कर दिया गया। इसके बाद सांठगांठ कर इन बसों में से दो बसों को नारसन चेकपोस्ट से, जबकि एक बस को ऋषिकेश से ग्रीन कार्ड जारी कर दिया गया।आरटीओ ने इस मामले में एआरटीओ ऋषिकेश, हरिद्वार व रुड़की से तीनों बसों की फिटनेस से जुड़े रिकार्ड मांगे हैं। आरटीओ के अनुसार, प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी सामने आई है। जांच पूरी होने पर शासन को भेजी जाएगी। आरटीओ पठोई ने बताया कि तीनों बसों का ओवरहैंग (पिछला हिस्सा) तय मानक से अधिक है। पर्वतीय मार्ग पर संचालन के लिए ओवरहैंग 60 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। ओवरहैंग बसों के दोनों टायर (अगले व पिछले) की कुल लंबाई का 60 प्रतिशत होता है।
मसनल, अगर किसी बस के दोनों टायरों के बीच की लंबाई 50 फीट है तो उसका ओवरहैंग 30 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए। ओवरहैंग पिछले टायर से बस की बॉडी के अंतिम हिस्से तक की नपाई होती है। यदि यह अधिक है तो बस के पर्वतीय मार्ग पर हादसे का खतरा रहता है। घुमाव पर बस मोड़ने में परेशानी होती है एवं पिछला हिस्सा टकराने का खतरा भी बना रहता है। परिवहन विभाग के पास वाहनों की जांच के लिए संभागीय निरीक्षक (आरआई) की कमी है। यही वजह है कि चारधाम यात्रा में वाहनों की फिटनेस जांच के लिए विभाग को रोडवेज से फोरमैन उपलब्ध कराए गए हैं। इन्हीं में से एक फोरमैन नारसन में जांच कर रहे, जहां से सांठगांठ कर मानक पूरे न करने पर भी ग्रीन कार्ड जारी हो रहे हैं। इसके साथ ही ऋषिकेश में भी यही स्थिति है।
--आईएएनएस
देहरादून न्यूज डेस्क !!!
स्मिता/एसकेपी