पुलिस की स्कॉर्पियो से लगी टक्कर और युवक की हो गई मौत, लोगों ने गाड़ी में लगा दी आग
गया जिले के इमामगंज प्रखंड अंतर्गत कोठी थाना क्षेत्र के विराज पंचायत स्थित विधिचक गांव में शुक्रवार को एक युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मृतक युवक कथित रूप से शराब लेकर जा रहा था, उसी दौरान उसका पीछा कर रही पुलिस की गाड़ी से धक्का लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया और स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
मृत युवक की पहचान विधिचक गांव निवासी के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक कथित रूप से बाइक से शराब लेकर जा रहा था और इसी बीच पुलिस की एक टीम उसकी पीछा कर रही थी। बताया जा रहा है कि युवक जैसे ही गांव की ओर मुड़ा, वैसे ही पीछे से आ रही पुलिस वाहन ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों की भारी भीड़ घटनास्थल पर जमा हो गई और गुस्साए लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। कुछ ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने जानबूझकर युवक को टक्कर मारी, जबकि अन्य लोग इसे दुर्घटना बता रहे हैं। हालात को काबू में करने के लिए मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया।
इधर, मृतक के परिजनों ने प्रशासन से न्याय की मांग की है और कहा है कि यह महज दुर्घटना नहीं, बल्कि पुलिस की बर्बरता का मामला है। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार करते हुए पहले पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
घटना के बाद कोठी थाना प्रभारी ने बताया कि युवक अवैध रूप से शराब की तस्करी कर रहा था और गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस की टीम उसका पीछा कर रही थी। हालांकि, यह कैसे हुआ कि युवक को पुलिस वाहन से धक्का लग गया, इसकी जांच की जा रही है।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और यदि किसी पुलिसकर्मी की लापरवाही या जानबूझकर की गई कार्रवाई पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, घटना के बाद से गांव में तनाव बना हुआ है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की एक टीम गांव में तैनात कर दी गई है। जिला प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को आवश्यक सहायता देने की बात भी कही गई है।
इस घटना ने एक बार फिर बिहार में शराबबंदी के बाद पुलिस और आम लोगों के बीच के संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस अवैध शराब पकड़ने के नाम पर कई बार जरूरत से ज्यादा सख्ती और लापरवाही दिखाती है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।