ट्रक की चपेट में आने से मोपेड सवार युवक की दर्दनाक मौत, परिजनों में मचा कोहराम
जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत वाराणसी-जौनपुर मार्ग पर सोमवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। बाबतपुर स्थित एक महाविद्यालय के कट के पास हुए इस हादसे में एक 34 वर्षीय युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक मोपेड पर सवार था और उसी दिशा में जा रहा था, तभी पीछे से आ रहे एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने उसे जोरदार टक्कर मार दी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मोपेड सवार युवक सड़क किनारे से गुजर रहा था और वह पूरी तरह से सावधानी से वाहन चला रहा था। लेकिन तेज़ गति से आ रहे ट्रक ने उसे पीछे से कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि आसपास मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही युवक ने दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना मिलते ही बड़ागांव थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त की प्रक्रिया शुरू की। मृतक की पहचान उसके पास मिले दस्तावेजों के आधार पर की गई। इसके बाद पुलिस ने युवक के परिजनों को सूचना दी। जैसे ही परिजन घटनास्थल पर पहुंचे, उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और घटना की जांच की जा रही है। ट्रक को मौके से जब्त कर लिया गया है, जबकि चालक मौके से फरार हो गया। उसकी तलाश की जा रही है।
स्थानीय लोगों में इस हादसे को लेकर आक्रोश भी देखने को मिला। लोगों ने बताया कि बाबतपुर स्थित इस कट पर पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन आज तक यहां कोई ट्रैफिक नियंत्रण उपाय नहीं किए गए। कई बार मांग करने के बावजूद न तो स्पीड ब्रेकर बनाया गया और न ही किसी तरह की चेतावनी या संकेत बोर्ड लगाए गए हैं।
इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। आए दिन हो रहे सड़क हादसों पर नियंत्रण पाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग की है।
पुलिस का कहना है कि युवक के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा और मामले में ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही और गैर इरादतन हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब है कि वाराणसी-जौनपुर मार्ग पर रोज़ाना हजारों वाहन गुजरते हैं, लेकिन कई स्थानों पर सड़क की चौड़ाई कम होने, कट की अनियंत्रित व्यवस्था और तेज़ रफ्तार वाहनों की वजह से हादसे होते रहते हैं।
यह हादसा न सिर्फ एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि सिस्टम से भी कई सवाल पूछता है कि आखिर कब तक निर्दोष लोग ऐसी लापरवाही का शिकार होते रहेंगे।