आखिर क्यों अखिलेश यादव मस्जिद में कर रहे थे मीटिंग? विवाद के बीच इमाम और MP मोहिबुल्लाह नदवी ने बताई सच्चाई
22 जुलाई 2025 को संसद के मानसून सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव संसद के पास स्थित एक मस्जिद गए थे। अब इस पर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के जुबानी हमले, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बचाव और सपा सांसद डिंपल यादव द्वारा जारी बयान के बाद अब रामपुर से सांसद और मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी की प्रतिक्रिया सामने आई है। एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में रामपुर के सांसद ने भाजपा पर बेकार की बातों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। सपा सांसद ने कहा कि भाजपा धर्म की राजनीति करती है।
सपा प्रमुख और अन्य साथी सांसदों के मस्जिद जाने की घटना के बारे में बताते हुए नदवी ने कहा कि संसद की कार्यवाही नहीं चल रही थी, इसलिए मैंने अखिलेश यादव से कहा कि वह थोड़ी देर उनके साथ बैठकर देखें। कोई मुलाकात नहीं हुई।
भाजपा केवल राजनीति करती है- नदवी
नदवी ने कहा कि अखिलेश केवल मस्जिद गए थे। कोई राजनीतिक मकसद नहीं था। इस दौरान हमने उन्हें बताया कि कितने पूर्व राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और स्वतंत्रता सेनानी यहाँ आ चुके हैं।
भाजपा पर आरोप लगाते हुए नदवी ने कहा कि वे सिर्फ़ राजनीति करते हैं। उन्हें धर्म की राजनीति करनी है। सभी मेरी पार्टी के सांसद हैं, इसलिए अगर मैं उनके साथ जाता हूँ, तो इसमें क्या विवाद है? मस्जिद के दरवाज़े सभी के लिए खुले हैं।
सांसद ने कहा कि कोई राजनीतिक बातचीत नहीं हुई। कोई भी धर्म जोड़ने का काम करता है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी हमेशा नकारात्मक बातें करती है। उन्हें हर चीज़ में राजनीति समझ आती है। भाजपा को शर्म आनी चाहिए कि वे लोग सवाल उठा रहे हैं जिन्होंने रातों-रात मस्जिदों और मंदिरों में तोड़फोड़ की। सांसद ने कहा कि हम दोपहर में वहाँ गए थे।