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कौन हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर, अखिलेश के CM काल में ही कैसे लिया था मुलायम से पंगा

 

पूर्व IPS ऑफिसर अमिताभ ठाकुर को मंगलवार देर रात ट्रेन से गिरफ्तार किया गया। वह लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे, तभी शाहजहांपुर पुलिस पहुंची और उन्हें ट्रेन से उतारकर देवरिया ले गई। यह कार्रवाई स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने की। देवरिया में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था और पुलिस का दावा है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। जब उन्हें ट्रेन से उतारा गया, तो शुरू में कहा गया कि उन्हें किडनैप कर लिया गया है। बाद में पता चला कि यह किडनैपिंग नहीं थी, बल्कि पुलिस ने उन्हें एक केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। अमिताभ ठाकुर का विवादों से पुराना नाता रहा है और वह अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। आज हम उनसे जुड़े ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में डिटेल में जानकारी देंगे...

जबरन रिटायरमेंट
अमिताभ ठाकुर को 2021 में जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया था, यानी सरकार ने उन्हें कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच की, जिसमें उन्हें सर्विस में बने रहने के लिए अनफिट पाया गया। इसके बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें रिटायर करने का ऑर्डर जारी कर दिया।

हमेशा सुर्खियों में
अमिताभ ठाकुर हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। अमिताभ ठाकुर 1993 बैच के IPS ऑफिसर हैं। वे सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। उनकी पत्नी नूतन ठाकुर भी सोशल वर्क में एक्टिव रहती हैं और सुर्खियों में रहती हैं।

मुलायम सिंह यादव से बातचीत
अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। जुलाई 2015 में अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया था कि मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन पर धमकी दी थी। अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई केस दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद ठाकुर कोर्ट चले गए। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया। कहा जाता है कि इसी वजह से अखिलेश सरकार के दौरान उन्हें एक बार सस्पेंड भी किया गया था।

अतीक अहमद केस में भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
अमिताभ ठाकुर ने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या के मामले में भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने केस को CBI को सौंपने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इस हत्या की सही जांच होनी चाहिए, इसलिए केस को CBI को सौंप देना चाहिए। अतीक अहमद और उनके भाई की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस उन्हें रूटीन जांच के बाद हॉस्पिटल से बाहर ला रही थी, तभी उन्हें गोली मार दी गई। तभी कुछ लोग वहां पहुंचे, फायरिंग की और भाग गए, जिससे उनकी मौत हो गई।

प्रॉपर्टी की जानकारी न देने का आरोप
अमिताभ ठाकुर पर प्रॉपर्टी की सही जानकारी न देने का भी आरोप लगा। आरोप है कि जब उन्होंने 1993 में अपना करियर शुरू किया, तो उन्होंने सरकार को अपनी संपत्ति की पूरी लिस्ट नहीं दी थी। इसके बाद, उन्होंने 1993 से 1999 तक एक ही स्टेटमेंट दिया। उस जानकारी में भी कई गड़बड़ियां पाई गईं।

पत्नी के साथ पार्टी बनाई
रिटायरमेंट के बाद, अमिताभ ठाकुर ने अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के साथ मिलकर आज़ाद अधिकार सेना नाम की पार्टी बनाई। पार्टी का हेडक्वार्टर लखनऊ में है। इस पार्टी ने 2022 के UP विधानसभा उपचुनाव में रामपुर और खतौली से उम्मीदवार खड़े किए। इसके अलावा, यह पार्टी लोकल बॉडी चुनाव भी लड़ चुकी है।