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बलिया में किशोर द्वारा सांप को मारने का वीडियो वायरल, वन विभाग ने दर्ज किया मुकदमा

 

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। उभांव थाना क्षेत्र के एक गांव में एक किशोर द्वारा सांप को लाठी से मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद वन विभाग ने किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कानून के तहत किसी भी प्रजाति के जीव को नुकसान पहुँचाना गंभीर अपराध माना जाता है। किशोर द्वारा सांप को मारने का यह वीडियो न केवल कानून का उल्लंघन करता है, बल्कि ग्रामीण और सोशल मीडिया समुदाय में भी नाराजगी फैलाने वाला है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में देखा गया कि किशोर ने सांप को लाठी से मारते हुए रिकॉर्ड किया और बाद में वीडियो को अपने दोस्तों के साथ साझा किया। यह घटना वन्य जीव संरक्षण कानून और वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत आती है, जिसके अनुसार किसी भी वन्य जीव को नुकसान पहुँचाने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

वन विभाग ने बताया कि किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उसकी पहचान के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि किसी भी व्यक्ति को वन्य जीवों को नुकसान पहुँचाने की अनुमति नहीं है और इस प्रकार की हरकतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि वन्य जीवों के संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के लिए ऐसे मामलों की समय पर निवारण जरूरी है। उन्होंने कहा कि किशोरों और युवाओं में जागरूकता फैलाना भी आवश्यक है ताकि वे जानवरों और प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनें और इस तरह के अपराधों में शामिल न हों।

स्थानीय लोग भी इस घटना से हैरान और नाराज हैं। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने अपील की है कि प्रशासन और वन विभाग इस मामले में सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा कदम उठाने से पहले सोचे।

संक्षेप में कहा जाए तो, उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के उभांव थाना क्षेत्र में एक किशोर द्वारा सांप को लाठी से मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वन विभाग ने किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना वन्य जीव संरक्षण कानून का उल्लंघन है और स्थानीय प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। वन विभाग और स्थानीय लोग दोनों इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पर्यावरण और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए ऐसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई होना आवश्यक है।