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राहुल गांधी पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का तीखा हमला, कहा— ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की मार से पाकिस्तान से ज्यादा गांधी परिवार कराह रहा

 

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा राजनीतिक हमला बोला है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बहाने गांधी परिवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पाकिस्तान से ज्यादा तो गांधी परिवार इस अभियान से कराह रहा है।

दरअसल, भारत सरकार द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद और सीमा पार घुसपैठ के खिलाफ की गई एक बड़ी सैन्य कार्रवाई को लेकर देश भर में बहस जारी है। इस ऑपरेशन को लेकर जहां केंद्र सरकार और भाजपा इसका श्रेय ले रही है, वहीं विपक्ष इसकी रणनीति और पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है।

केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "राहुल गांधी और उनका परिवार जब भी भारत की सेना और उसकी कार्रवाई पर सवाल उठाते हैं, तब जनता समझ जाती है कि देशहित की नहीं, सिर्फ वोटबैंक की राजनीति हो रही है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पाकिस्तान के खिलाफ है, लेकिन उससे सबसे ज़्यादा बेचैनी गांधी परिवार को हो रही है।"

उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी का पाकिस्तान प्रेम अब किसी से छिपा नहीं है। जब भी देश आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाता है, राहुल गांधी की भाषा पाकिस्तान से मिलती-जुलती नजर आती है। यह देश की जनता देख रही है और आने वाले चुनावों में इसका जवाब भी देगी।”

डिप्टी सीएम मौर्य ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि वह देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के मुद्दों पर हमेशा दोहरे मापदंड अपनाती रही है। उन्होंने कहा, “गांधी परिवार को यह बात समझनी होगी कि भारत अब 1947 का भारत नहीं है। हमारी सेना सक्षम है, सरकार निर्णायक है और जनता जागरूक है। हर बार की तरह इस बार भी देश विरोधी राजनीति को जनता नकार देगी।”

मौर्य के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी जल्द ही इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न सिर्फ एक सैन्य कदम है, बल्कि भाजपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक कार्ड भी बन चुका है। ऐसे में भाजपा के नेता इसे चुनावी भाषणों और जनसभाओं में भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

इस बयानबाज़ी से यह साफ है कि 2024 के आम चुनाव के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बने राहुल गांधी भाजपा नेताओं के निशाने पर लगातार बने हुए हैं। वहीं राहुल गांधी भी लगातार केंद्र सरकार को महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले महीनों में ऐसे बयान और हमले और तेज़ हो सकते हैं, क्योंकि दोनों दल 2025 के महत्वपूर्ण राज्यों के चुनाव और 2029 की तैयारी में जुट चुके हैं।