राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई में लापरवाही, गलत मरीज को ले गए ऑपरेशन टेबल पर, दो डॉक्टर व तीन नर्सें निलंबित
राजकीय मेडिकल कॉलेज, उरई में मेडिकल लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है, जहां ऑपरेशन टेबल पर गलत मरीज को ले जाया गया। इस चौंकाने वाली घटना पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो डॉक्टरों और तीन नर्सों को निलंबित कर दिया है।
उपमुख्यमंत्री ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए तत्काल जांच के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो इस पूरी घटना की गहराई से जांच करेगी। समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जिम्मेदारों पर आगे की कार्रवाई की जा सके।
जानकारी के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज में एक मरीज का ऑपरेशन निर्धारित था, लेकिन लापरवाहीवश स्टाफ द्वारा दूसरे मरीज को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। ऑपरेशन शुरू होने से ठीक पहले इस गलती का पता चला, जिससे बड़ी अनहोनी टल गई। हालांकि, इस घटना से अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मीडिया से बातचीत में कहा, “इस प्रकार की लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चिकित्सा संस्थानों में मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार चिकित्सा सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। ऐसे में अगर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह पाया जाता है, तो उस पर कठोर कार्रवाई तय है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, निलंबित किए गए डॉक्टरों और नर्सों से अलग-अलग बयान लिए जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मरीजों की पहचान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में गंभीर चूक हुई, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई।
इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है। अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों के बीच भय और असंतोष का माहौल देखा गया। कई लोगों ने अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सुरक्षा और सावधानी के पुख्ता इंतजाम की मांग की है।
फिलहाल जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने चिकित्सा संस्थानों में प्रोफेशनल जिम्मेदारी और निगरानी व्यवस्था की मजबूती की आवश्यकता को फिर एक बार उजागर कर दिया है।