सीएमओ के खिलाफ तीन विधायकों का मोर्चा, स्वास्थ्य विभाग की बदहाली पर उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में अब कानपुर की तर्ज पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। जिले के तीन प्रमुख विधायक सीएमओ (Chief Medical Officer) के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार से जिले के स्वास्थ्य विभाग को सभी प्रकार की सुविधाएँ और संसाधन मिल रहे हैं, फिर भी विभाग की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा।
विधायकों का आरोप है कि जिले के स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार और लापरवाही की स्थिति काफी गंभीर हो गई है। उनका कहना है कि जहां एक ओर शासन से स्वास्थ्य विभाग को आर्थिक और अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा। जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज की उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और चिकित्सा सेवाएं बदतर हो चुकी हैं।
यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि जब भी निजी लाभ की बात आती है, सीएमओ हर जगह मौजूद रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सीएमओ के व्यक्तिगत हित सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से ज्यादा अहम हो गए हैं? विधायकों के अनुसार, ये मुद्दे गंभीर हैं और इनके खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है।
तीन विधायकों ने यह स्पष्ट किया है कि वे जल्द ही इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष साक्ष्यों के साथ रखने की योजना बना रहे हैं। उनका मानना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग की स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो जिले की जनता को इसकी गंभीर कीमत चुकानी पड़ सकती है।
एक विधायक ने कहा, "यह समय की बात है कि हम मुख्यमंत्री से इन मुद्दों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग करें। यदि सीएमओ और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही इसी तरह जारी रही, तो हम उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।"
वहीं, अन्य विधायकों ने भी अपनी चिंता जाहिर की है कि जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की बुरी स्थिति से आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और जिला प्रशासन को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही और प्रशासनिक कुप्रबंधन ने जिले के नागरिकों के बीच निराशा का माहौल बना दिया है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और क्या सीएमओ के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी या यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
अलीगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है और यह पूरे जिले की जनता के लिए चिंता का विषय बन गया है।