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Mathura    योगी की 'तपस्या' से निखर रही योगिराज की नगरी

 
उत्तर प्रदेश न्यूज डेस्क !!!आपकी जानकारी के लिए बता दें कि,प्रभु भक्ति का योग और सत्ता का संयोग। ऐसा शायद ही कहीं रहा हो। जिनका तन लखनऊ, पर मन हर पर्व-उत्सव में कान्हा की नगरी में रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगिराज भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में आने का शायद ही कोई मौका छोड़ा है।मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि, हर बार यहा के वैभव को और बढ़ाने की कोशिश की। आस्था के इस क्षेत्र की चमक निखारने की भी चिंता रही। इसी के चलते बदलती तस्वीर के संकेत मिलने लगे हैं। मथुरा जिला मात्र नहीं, अब तीर्थ स्थल है।

हालाकि, जन-जन के मन में तो यह पहले से ही तीर्थ स्थल है, लेकिन सरकारी स्वरूप इसे अब मिलने जा रहा है। जिसमें अब कई बदलाव होंगे। योजनाएं यहा की कुंज गलियों को निखारती दिखेंगीं। प्रदेश में सरकारें बनीं, ब्रज को लेकर विकास का एजेंडा भी बना। किसी की प्राथमिकता आगरा को लेकर रही, तो किसी की प्राथमिकता में अन्य कोई जिला। मथुरा के 'भाग्य' में सिर्फ दावे ही रहे। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के सत्तासीन होने के साथ मथुरा की दिव्यता और निखरने लगी। सीएम योगी ने मथुरा से सीधे जुड़ाव का कोई मौका नहीं छोड़ा है। जिले का चौतरफा व समेकित विकास कराने के लिए उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया। परिषद के लिए सीधे शासन स्तर से ही बजट आवंटित करने की व्यवस्था की गई है। साथ ही बरसाना व वृंदावन को तीर्थस्थल घोषित कर दिया। 2018 में विश्व प्रसिद्ध बरसाना की लठामार होली मे सीएम योगी खुद आए। इसी वर्ष गोवर्धन, नंदगाव, राधाकुंड, बलदेव व गोकुल को भी तीर्थ स्थल घोषित कर दिया। वर्ष 2020 में भी सीएम होली पर आए थे। कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक को बनाया भव्य