कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन सख्त, 11 जुलाई से भारी और 16 जुलाई से हल्के वाहनों की नो-एंट्री
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। हर साल की तरह इस बार भी कांवड़ियों की भारी भीड़ और संभावित दुर्घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
प्रशासन के निर्देश के मुताबिक:
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11 जुलाई से भारी वाहन (जैसे ट्रक, कंटेनर आदि) जिले की सीमाओं में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
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16 जुलाई से हल्के वाहनों (जैसे कार, जीप, टैक्सी आदि) की भी नो-एंट्री लागू होगी।
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18 जुलाई से कांवड़ मार्गों पर स्थानीय वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
बॉर्डर पर ही रोक दिए जाएंगे वाहन
प्रशासन का साफ निर्देश है कि सभी प्रकार के भारी और हल्के वाहनों को बॉर्डर पर ही रोका जाएगा, या फिर उन्हें वहीं से वापस भेज दिया जाएगा। यह आदेश जिले के सभी प्रवेश मार्गों और कांवड़ यात्रा मार्गों पर प्रभावी रहेगा।
प्रशासन का उद्देश्य स्पष्ट है – कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह का हादसा या अव्यवस्था न हो।
ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट
जिला प्रशासन ने इसके लिए ट्रैफिक पुलिस, स्थानीय प्रशासन, राजस्व विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमों को अलर्ट पर रखा है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग, वाहन चेकिंग और रूट डायवर्जन की व्यवस्था लागू की जा रही है।
कांवड़ मार्गों पर विशेष निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, और सिविल डिफेंस की टीमें भी तैनात की जा रही हैं।
स्थानीय लोगों को भी किया जा रहा है जागरूक
चूंकि 18 जुलाई से स्थानीय वाहनों पर भी पाबंदी लगाई जा रही है, प्रशासन स्थानीय नागरिकों से सहयोग की अपील कर रहा है। उन्हें वैकल्पिक मार्गों की जानकारी दी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर ई-पास या विशेष अनुमति देने की बात कही गई है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने सभी वाहन चालकों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे:
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यात्रा के दौरान प्रतिबंधों का पालन करें।
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केवल वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।
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किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।
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कांवड़ियों की सुरक्षा व सुविधा को सर्वोपरि मानें।