×

टीजीटी भर्ती परीक्षा टलना तय, अब 21 व 22 जुलाई को नहीं होगी परीक्षा, प्रवेश पत्र भी नहीं हुए जारी

 

उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) के 3539 पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा एक बार फिर टलती नजर आ रही है। 21 और 22 जुलाई को प्रस्तावित इस लिखित परीक्षा के प्रवेश पत्र अब तक जारी नहीं किए गए हैं, जिससे अभ्यर्थियों में भ्रम और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

सूत्रों के अनुसार, परीक्षा का टलना अब लगभग तय माना जा रहा है। सोमवार को होने वाली उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की बैठक में इस संबंध में औपचारिक निर्णय लिए जाने की संभावना है। आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा की तैयारियों में अभी कई तकनीकी और प्रशासनिक स्तर की प्रक्रियाएं लंबित हैं, जिनके पूरा होने में और समय लग सकता है।

टीजीटी भर्ती परीक्षा को लेकर राज्य भर में लाखों अभ्यर्थी तैयारी कर रहे हैं। लेकिन परीक्षा तिथि को लेकर चल रही अनिश्चितता ने अभ्यर्थियों को परेशान कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी लगातार एडमिट कार्ड जारी न होने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि यह भर्ती प्रक्रिया उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के तहत हो रही है। कुल 3539 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत, जीवविज्ञान, कृषि समेत कई विषय शामिल हैं।

परीक्षा के आयोजन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों की सुस्ती, परीक्षा केंद्रों का अंतिम निर्धारण न हो पाना, और अभ्यर्थियों की सूची का अंतिम सत्यापन न होना भी संभावित कारण बताए जा रहे हैं। साथ ही, आयोग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक सूचना या प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है।

ऐसे में यह लगभग तय माना जा रहा है कि परीक्षा नई तारीख के साथ दोबारा घोषित की जाएगी, जिसकी सूचना आयोग जल्द ही अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर देगा।

अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे आयोग की वेबसाइट पर नजर बनाए रखें और किसी भी अफवाह या अनाधिकारिक सूचना पर ध्यान न दें। परीक्षा की नई तारीख, प्रवेश पत्र और केंद्रों की जानकारी जल्द ही जारी किए जाने की उम्मीद है।

फिलहाल, टीजीटी भर्ती परीक्षा को लेकर छात्रों में संशय और प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की कमी के कारण परीक्षा का स्थगन तय माना जा रहा है, जिस पर आधिकारिक मुहर लगना अब मात्र औपचारिकता रह गई है।