×

छोटे और पिछड़े जिलों ने जीएसटी कलेक्शन ग्रोथ में औद्योगिक जिलों को पीछे छोड़ा

 

उत्तर प्रदेश में वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ में एक नया रुझान देखने को मिला है। राज्य कर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश की औसत जीएसटी ग्रोथ 7.83% रही, लेकिन कई छोटे और पिछड़े जिलों ने औद्योगिक और बड़े जिलों को पीछे छोड़ते हुए पांच गुना तक बेहतर प्रदर्शन किया।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि छोटे जिलों की इस शानदार ग्रोथ का मुख्य कारण स्थानीय व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि, कर नियमों की सही तरीके से अनुपालना और जागरूकता अभियान का सकारात्मक असर रहा है। इसके अलावा, इन जिलों में कर दायित्वों का समय पर भुगतान और डिजिटल लेन-देन में बढ़ोतरी ने भी जीएसटी कलेक्शन को मजबूती प्रदान की।

राज्य कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि छोटे और पिछड़े जिलों की यह उपलब्धि आश्चर्यजनक और सराहनीय है। उन्होंने कहा, “जब औद्योगिक जिले अपेक्षित ग्रोथ नहीं दिखा पाए, तब छोटे जिलों ने कर संग्रह में अपनी क्षमता साबित की। यह संकेत है कि छोटे व्यवसाय और स्थानीय उद्योग अब अधिक संगठित और जिम्मेदार बन रहे हैं।”

विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी कलेक्शन में छोटे जिलों की बढ़ोतरी राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि इससे यह पता चलता है कि औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण और छोटे नगरों में भी कर पालन और व्यापारिक गतिविधियों में सुधार हुआ है।

राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट को आधार मानते हुए छोटे जिलों में कर प्रशासन को और मजबूत करने और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। अधिकारियों का कहना है कि इन जिलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम और कर जागरूकता अभियान और तेज किए जाएंगे ताकि इस वृद्धि को स्थायी बनाया जा सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे और पिछड़े जिलों में यह सफलता बड़े जिलों के लिए चुनौती और सीख दोनों है। उन्होंने कहा कि बड़े और औद्योगिक जिलों को भी अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और स्थानीय व्यापारों को अधिक प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

राज्य कर विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इन छोटे जिलों की जीएसटी ग्रोथ औसत 7.83% से पांच गुना अधिक रही। यह आंकड़ा संकेत करता है कि छोटे शहर और कस्बों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और कर अनुपालन में सुधार हो रहा है।

इस प्रकार, उत्तर प्रदेश के छोटे और पिछड़े जिलों की जीएसटी ग्रोथ ने राज्य की कर प्रणाली और व्यापारिक वातावरण दोनों में सुधार की दिशा में नया उदाहरण पेश किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस रुझान को देखते हुए अन्य जिलों को भी नीतियों में बदलाव करने और कर संग्रह बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।