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अश्लील गालियां देकर कमाती थीं रोजाना एक हजार, मुफ्त में मिल रही थी लोकप्रियता, संभल पुलिस ने तीन युवतियों को किया अरेस्ट

 

लड़के युवा और लड़कियों को सोशल मीडिया पर कुछ ही यादों की रीलों से मशहूर होने का जुनून और किसी भी तरह से पैसे कमाने का लालच के पीछे भी शेयर कर सकते हैं। इसका ताजा यूपी उदाहरण के संभल में देखने को मिला। यहां सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाने के आरोप में महक, निशा परी और परी को पुलिस ने उनके कैमरामैन आलम के साथ गिरफ्तार कर लिया है।

इन लड़कियों द्वारा अपने ब्लॉग पर रोज़ाना टॉक्सिक, लड़कियों वाले वीडियो अपलोड किए गए थे। ऐसे वीडियो को देखने वालों की संख्या हजारों में थी। एक-एक वीडियो पर हजारों दर्शक हैं। येही विजिटरशिप इन्ही के लिए एक इनकम का जरिया बन गई थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि ये लड़कियां सोशल मीडिया पर अपलोड कर हर महीने करीब 35 हजार रुपए तक की कमाई कर रही थीं।

शहवाज़पुर में रहने वालीं त्रिलड़कियाँ हैं

संभल जिले के असमोली थाना क्षेत्र के शहवाजपुर गांव की ये त्रिलड़की लंबे समय से अश्लील वीडियो साझीदारी पर अपलोड कर रही थी। वीडियो में इस्तेमाल होने वाली भाषा, बोली और भंगिमाएं इतनी गहरी हैं कि गांव के कुछ जिम्मेदार लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से कर दी। शिकायत सीधे जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) केके बिश्नोई और प्रमुख प्लाज्मा सिंह तक की है, जिसके बाद उन्होंने असमोली थाने के प्रभारी राजीव आमिर को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।

याचिका के बाद असमोली थाना पुलिस ने समग्र खाते की निगरानी की शुरुआत की। जांच में पाया गया कि नियमित रूप से अभद्र भाषा, गैल-ग्लॉच और उत्तेजक राक्षस वाली रीलों पर स्टॉक जा रही थी। पुलिस ने रविवार की रात मह, परी, नाबालिग और वीडियो बनाने वाले कैमरामैन आलम के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद सभी फ़ार्मों को गिरफ़्तार कर लिया गया और उनकी मोबाइल ज़ब्त कर ली गई।

पुलिस की पूछताछ में क्या निकला

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि युवतियों के अश्लील वीडियो बनाने की शुरुआत में सत्यापन की चाहत से हुई। एक-दो वीडियो पर शानदार व्यूज और फॉलोअर्स की संख्या बढ़ी तो उन्होंने इसे एक कमाई का जरिया बना लिया। महज़ ने पूछताछ में बताया कि शुरुआत में उन्हें यह सब मजा और एट्रैक्शन के लिए अच्छा लगा। शुरू में ये साफा सुथरा वीडियो बनाती थी तो दर्शक नहीं आए लेकिन जैसे ही अश्लील भाषा का प्रयोग करने लगे तो फॉलोअर्स भी बिगड़ गए और ब्रांड्स और प्रोमोटर्स से पैसे आने लगे।

इसके बाद तो ये हमारा रोज़गार बन गया। महक का दावा है कि पुलिस इस स्तर तक कार्रवाई नहीं कर पाई। पुलिस के मुताबिक इन युवाओं ने सलामत और अन्य माध्यमों के व्यूअरशिप के आधार पर हर महीने 30 से 35 हजार रुपये तक की कमाई कर ली। कमाई का पूरा हिस्सा चारों के बीच बंटा हुआ था.

पुनर्जन्म ने की थी याचिका

शहवाजपुर गांव के शहीदों ने पुलिस को इस मामले की जानकारी देते हुए अपनी सामाजिक जिम्मेदारी सौंपी। गांव के ही एक बुजुर्ग व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त बताई, हमारे गांव की राह देखकर बाकी युवा भी पर निकल सकते थे। हमें यह बंद करना जरूरी था.

पुलिस की सख्त चेतावनी

संभल के वैज्ञानिक केके बिश्नोई ने कहा कि सस्ते दामों पर अश्लीलता फैलाने वालों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। सोशल मीडिया पर अश्लील साहित्य और कथानक सामग्री अपलोड करना गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि इस तरह की निगरानी के लिए एक विशेष टीम बनाई जा रही है, जो ऐसे मामलों पर नजर रखेगी और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।

आगे की कार्रवाई क्या होगी

गिरफ़्तार युवतियों को चिकित्सीय परीक्षण के बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक न्यायाधिकरण में भेज दिया गया। वहीं, पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि पीछे किस तरह के गिरोह का हाथ है या कोई अन्य व्यक्ति इस प्रकार के वीडियो के जरिए लाभ उठा रहा था। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल, कैमरा, लैपटॉप और सोशल मीडिया अकाउंट की विस्तृत फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। यह भी जांच की जा रही है कि इन वीडियो को किसी अन्य वेबसाइट या पोर्टल पर भी अपलोड किया गया था, जहां से और पैसे कमाए गए थे।