सपा नेता आजम खान को हाईकोर्ट से एक और राहत, ट्रायल कोर्ट के फैसले पर लगी रोक बढ़ी
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान को बेदखली मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बार फिर बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने ट्रायल कोर्ट की ओर से आजम खान और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ अंतिम आदेश या फैसला देने पर लगी पूर्व की रोक को बढ़ाकर अब 28 जुलाई 2025 तक के लिए प्रभावी कर दिया है।
इस फैसले से आजम खान को फिलहाल ट्रायल कोर्ट में किसी भी अंतिम निर्णय से राहत मिल गई है, जिससे उन्हें और उनके कानूनी सलाहकारों को अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है।
क्या है मामला
यह मामला रामपुर जिले की एक सरकारी संपत्ति पर अनाधिकृत कब्जे से जुड़ा है। आरोप है कि आजम खान और उनके कुछ सहयोगियों ने उस संपत्ति पर कब्जा कर उसे स्वतंत्रता सेनानी मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए उपयोग में लिया था। इस संबंध में ट्रायल कोर्ट में केस चल रहा है।
मुकदमे की कार्यवाही के बीच आजम खान ने ट्रायल कोर्ट की प्रक्रिया और आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी ओर से दलील दी गई कि ट्रायल कोर्ट में मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है और कुछ प्रक्रियात्मक अनियमितताएं बरती जा रही हैं।
हाईकोर्ट का निर्देश
हाईकोर्ट ने इससे पहले ट्रायल कोर्ट को कोई भी अंतिम आदेश या फैसला सुनाने से रोक दिया था, जो 16 जुलाई 2024 तक प्रभावी था। अब इस रोक को एक वर्ष और बढ़ाकर 28 जुलाई 2025 तक कर दिया गया है।
न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने यह फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष और परिस्थितियों को देखते हुए सुनाया। अब इस दौरान ट्रायल कोर्ट में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सकेगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस राहत को लेकर समाजवादी पार्टी में खुशी की लहर है। पार्टी के नेताओं ने इसे न्याय का प्रतीक बताया है, जबकि विपक्ष ने इसे कानूनी प्रक्रिया में देरी और तकनीकी हथकंडा करार दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि सच से कोई नहीं बच सकता, कानून अपना काम करेगा।