त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर सपा सक्रिय, गांव-गांव पहुंचाया जा रहा, ‘पीडीए पर्चा’
उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा ने ‘पीडीए पर्चा’ नामक एक विशेष अभियान की शुरुआत की है, जिसे प्रदेश के हर गांव और बूथ तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग – इन समुदायों को साथ लेकर चलने की रणनीति के तहत पार्टी अपनी पकड़ को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों का उत्पीड़न काफी बढ़ा है। इसी के जवाब में समाजवादी पार्टी ने इन वर्गों के हितों की रक्षा के लिए "पीडीए" को केंद्र में रखकर व्यापक जनसंपर्क की योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत ‘पीडीए पर्चा’ को हर गांव और हर बूथ तक पहुंचाने की जिम्मेदारी तय की गई है। इस पर्चे में समाजवादी सरकारों की पूर्व में की गई उपलब्धियों को दर्शाया जाएगा और इन समुदायों के अधिकारों और सशक्तिकरण के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को प्रमुखता से रखा गया है।
राजेंद्र चौधरी ने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी जिलों और शहरों की पार्टी इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांवों में चौपालों का आयोजन करें और वहां ‘पीडीए पर्चा’ पर चर्चा प्रारंभ करें। इन चौपालों के माध्यम से ग्रामीणों को भाजपा शासन में हो रहे कथित अन्यायों और भेदभाव से अवगत कराया जाएगा और समाजवादी विचारधारा का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कई जिलों में यह अभियान पहले ही शुरू हो चुका है और कार्यकर्ताओं में इसे लेकर काफी उत्साह भी देखा जा रहा है। सपा का मानना है कि पंचायत चुनावों के जरिए जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत किया जा सकता है, जो 2027 के विधानसभा चुनावों की नींव तैयार करेगा।
अखिलेश यादव खुद इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को क्षेत्रीय स्तर पर इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पार्टी का फोकस न केवल सपा के परंपरागत वोटबैंक को फिर से संगठित करने पर है, बल्कि युवा, महिलाएं और सामाजिक रूप से हाशिए पर खड़े वर्गों को भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।