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अवैध धर्मांतरण में गिरफ्तार रहमान कुरैशी का बड़ा खुलासा: यूट्यूब चैनल से करता था प्रचार, क्रिप्टो और डॉलर से भेजता था फंड

 

अवैध धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किए गए सराय ख्वाजा निवासी रहमान कुरैशी को लेकर पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रहमान न सिर्फ धर्मांतरण के लिए लोगों को उकसाता था, बल्कि वह इसके लिए यूट्यूब चैनल भी चला रहा था। यही नहीं, उसने क्राउड फंडिंग के जरिए फलस्तीन को आर्थिक सहायता भेजने की अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों को भी अंजाम दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रहमान कुरैशी सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय था और यूट्यूब के माध्यम से धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली सामग्री प्रसारित करता था। उसके चैनल पर धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया, उसके फायदे और संबंधित वीडियो नियमित रूप से डाले जाते थे। इससे न केवल स्थानीय लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा था, बल्कि एक संगठित एजेंडे के तहत धार्मिक कट्टरता को भी बढ़ावा दिया जा रहा था।

सबसे चौंकाने वाला पहलू यह सामने आया है कि रहमान ने क्रिप्टोकरंसी और डॉलर के माध्यम से विदेशों, विशेष रूप से फलस्तीन, में फंड ट्रांसफर किए। पुलिस ने जांच के दौरान उसकी डिजिटल ट्रांजैक्शन हिस्ट्री खंगाली, जिसमें यह बात सामने आई कि वह विदेशी स्रोतों से फंड एकत्र कर क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स के जरिए उसे बाहर भेजता था।

फिलहाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह राशि किन लोगों तक पहुंचाई गई और इसका उपयोग कहां किया गया। इसके लिए साइबर क्राइम सेल, फॉरेन्सिक टीम और अन्य एजेंसियों की मदद ली जा रही है। साथ ही उसके मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों की भी जांच की जा रही है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रहमान कुरैशी किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है जो धर्मांतरण और विदेशों में आर्थिक सहायता पहुंचाने जैसी गतिविधियों में संलिप्त है। उसकी सोशल मीडिया एक्टिविटी और संपर्क सूत्रों को खंगाला जा रहा है।

एसएसपी आगरा द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) इस पूरे मामले की गहराई से पड़ताल कर रहा है। जल्द ही अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। रहमान के खिलाफ आईटी एक्ट, धर्मांतरण निषेध अधिनियम और विदेशी मुद्रा विनियम उल्लंघन के तहत कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग किस तरह देश की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकता है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इस बात को लेकर भी सतर्क हैं कि कहीं इस तरह के और नेटवर्क प्रदेश या देश के अन्य हिस्सों में सक्रिय न हों।