उत्तर प्रदेश में फिर शुरू हुआ पोस्टर विवाद, अखिलेश-मस्जिद विवाद में लखनऊ में लगे पोस्टर, जानिए क्या है भाजपा के आरोपो का पूरा सच?
सपा प्रमुख अखिलेश के दिल्ली स्थित एक मस्जिद के दौरे पर हंगामा मच गया है। अब इसकी आंच लखनऊ तक पहुँच गई है। पोस्टर में लिखा है कि अखिलेश यादव मंदिर-मस्जिद को राजनीति से नहीं जोड़ते, हमारे लिए धर्म प्रेम की पहचान है। आपको बता दें कि अखिलेश यादव के दिल्ली स्थित एक मस्जिद में जाने के बाद भाजपा ने सपा नेता अखिलेश यादव पर राजनीतिक सभा करने का आरोप लगाया था। उन्होंने 25 जुलाई को उसी मस्जिद के बाहर प्रदर्शन की चेतावनी भी दी थी।
क्या था विवाद?
पोस्टर किसने लगवाया?
लखनऊ में सपा नेता इंखलाक ने ये पोस्टर लगवाए। इंखलाक ने इसमें लिखा कि अखिलेश वो हैं जो नफरत से नहीं निपटते। मंदिर मस्जिदों को राजनीति से नहीं जोड़ते। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा कि तुम्हारे लिए इबादत भी एक राजनीतिक अखाड़ा है, हमारे लिए धर्म प्रेम की पहचान है।
अखिलेश मस्जिद क्यों गए?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी और सांसद धर्मेंद्र यादव भी नज़र आ रहे हैं। नदवी उस मस्जिद के इमाम भी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश यादव नदवी के बुलावे पर मस्जिद गए थे। हालाँकि, अभी तक अखिलेश यादव ने मस्जिद जाने का कोई कारण स्पष्ट नहीं किया है।
भाजपा ने आज दी थी चेतावनी
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मस्जिद का माहौल राजनीति से दूषित कर दिया है। मस्जिद आस्था का केंद्र होती है, किसी राजनीतिक गतिविधि का नहीं। सपा नेता ने मर्यादाएँ लाँघकर धार्मिक स्थल का दुरुपयोग किया है। इस पर जमाल ने चेतावनी दी थी कि भाजपा 25 जुलाई को जुमे की नमाज के बाद उसी मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगी।