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नगर निगम की लापरवाही से परेशान जनता: सड़कें गड्ढायुक्त, खुले नाले और सीवर बना खतरा

 

नगर निगम सीमा क्षेत्र में नागरिक सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हो चुकी हैं। खासतौर पर सड़कों के गड्ढे भरने और खुले नाले-सीवर को ढंकने की व्यवस्था लगभग ठप हो चुकी है। नगर निगम के जोनवार गैंगपिट जो इन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए बनाए गए थे, अब अतिक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। साथ ही वहां तैनात कर्मचारी भी अब दूसरी जगहों पर तैनात कर दिए गए हैं। नतीजतन आम जनता छोटी-छोटी समस्याओं के लिए भी परेशान है।

व्यवस्था चरमराई, शिकायत पर भी नहीं मिल रहा समाधान

अब जब क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात टीमें उपलब्ध नहीं हैं, तो लोगों को समस्याएं ऑनलाइन पोर्टल या एप के माध्यम से दर्ज करानी पड़ रही हैं। जिनके पास ये सुविधा नहीं है, उन्हें जोनल दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लेकिन इन प्रयासों के बावजूद, छोटी समस्याओं का भी समय पर समाधान नहीं हो पा रहा है।

क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद सड़कों के गड्ढों की मरम्मत नहीं होती। बारिश के मौसम में इन गड्ढों में भरा पानी दुर्घटनाओं का कारण बनता है। वहीं, खुले पड़े नाले और सीवर भी जानलेवा साबित हो रहे हैं, खासकर रात के समय या बच्चों के लिए।

गैंगपिट पर कब्जा, कर्मचारी तैनाती पर सवाल

नगर निगम ने शहर में जोनवार गैंगपिट बनाए थे, जिनका मकसद था कि किसी भी आपात स्थिति में आसपास के क्षेत्र की समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके। इन गैंगपिट में जरूरी सामग्री, उपकरण और सफाई कर्मियों की टीम रहती थी। लेकिन अब ये गैंगपिट या तो अतिक्रमण की चपेट में हैं, या फिर स्थानीय प्रभावशाली लोगों के निजी उपयोग में आ चुके हैं

इसके अलावा, वहां तैनात कर्मचारियों को नगर निगम ने या तो दूसरे विभागों में तैनात कर दिया है, या उनकी नियुक्ति अभी स्पष्ट नहीं है। इस लचर व्यवस्था के चलते शिकायतों के निस्तारण की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है।

नागरिकों में आक्रोश, जनप्रतिनिधियों पर भी उठे सवाल

शहरवासियों में नगर निगम की इस गैरजिम्मेदाराना रवैये को लेकर नाराजगी है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर जोनल अधिकारियों और पार्षदों को भी कठघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है कि जब तक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं होती, तब तक नगर निगम हरकत में नहीं आता।