49 हजार करोड़ की ठगी करने वाला पीएसीएल का संचालक गुरनाम सिंह गिरफ्तार, देशभर में फैला था निवेश का जाल
निवेश के नाम पर देशभर के लाखों लोगों से करीब 49 हजार करोड़ रुपये की ठगी करने वाली चर्चित कंपनी पर्ल्स एग्रोटेक कॉरपोरेशन लिमिटेड (PACL) के एक प्रमुख संचालक गुरनाम सिंह को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब के रोपड़ से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एक लंबे समय से चल रही जांच और निगरानी के बाद की गई है।
गुरनाम सिंह पर आरोप है कि उसने और उसकी टीम ने भूखंड देने के नाम पर लोगों से मोटी रकम निवेश करवाई और फिर उन्हें ठग लिया। कंपनी ने देश के विभिन्न राज्यों—उत्तर प्रदेश, असम, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल और बिहार—में शाखाएं खोलकर बड़े पैमाने पर निवेशकों को अपने जाल में फंसाया।
कैसे हुआ घोटाला?
PACL ने लोगों को सस्ती दरों पर जमीन दिलाने का झांसा दिया और आकर्षक रिटर्न का लालच देकर उनसे निवेश करवाया। लेकिन असल में न तो अधिकांश जमीनें मौजूद थीं और न ही निवेशकों को कोई वैध दस्तावेज दिए गए। जब मियाद पूरी होने के बाद भी निवेशकों को पैसा और जमीन नहीं मिली, तब धोखाधड़ी का यह विशाल नेटवर्क उजागर हुआ।
ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई
गुरनाम सिंह की गिरफ्तारी को EOW की एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन के अधिकारियों के अनुसार, वह लंबे समय से फरार चल रहा था और बार-बार ठिकाने बदल रहा था। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने पंजाब के रोपड़ में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया।
EOW के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुरनाम सिंह से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं और अन्य सहयोगियों की तलाश भी तेज कर दी गई है। यह भी संदेह जताया जा रहा है कि इस घोटाले में कई रिटायर्ड सरकारी अफसर और प्रभावशाली लोग भी शामिल हो सकते हैं।
सेबी पहले ही कर चुका है कार्रवाई
इस घोटाले को लेकर पहले ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की थी और निवेशकों को उनकी रकम लौटाने के निर्देश दिए थे। हालांकि, इतनी बड़ी राशि की वसूली और रिफंड प्रक्रिया बेहद जटिल साबित हो रही है।
निवेशकों को राहत की उम्मीद
गुरनाम सिंह की गिरफ्तारी से देशभर के हजारों निवेशकों को उम्मीद की एक किरण नजर आ रही है। पीड़ित निवेशक लंबे समय से न्याय और धनवापसी की मांग कर रहे हैं। अब ईओडब्ल्यू की सक्रियता से यह मामला फिर से जोर पकड़ता दिख रहा है।
आगे की कार्रवाई
ईओडब्ल्यू अब गुरनाम सिंह को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही अन्य आरोपी भी शिकंजे में होंगे।
यह मामला देश के सबसे बड़े वित्तीय धोखाधड़ी मामलों में से एक बन चुका है, जिसने यह दिखा दिया कि निवेश के नाम पर आम जनता को किस तरह से ठगा जा सकता है। अब देखना यह है कि पीड़ितों को उनका हक कब तक और कितना वापस मिल पाता है।