यूपी विधानसभा में जल शक्ति मिशन और ग्राम सड़क योजना पर विपक्ष का हमला
उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज एक दिलचस्प और विवादास्पद वाकया देखने को मिला। विरोधी दलों के हंगामे के बावजूद सदन में प्रश्नकाल चलाने पर सहमति बन गई। इसके बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर विभिन्न योजनाओं को लेकर जमकर निशाना साधा।
विपक्ष के नेता विशेष रूप से जल शक्ति मिशन और ग्राम सड़क योजना पर केंद्रित रहे। उन्होंने सरकार से सवाल किए कि ग्रामीण क्षेत्रों में इन योजनाओं का क्या असर हुआ और जनता को कितनी सुविधाएं मिली हैं। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक मोहम्मद फहीम इरफान ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में जल शक्ति मिशन के तहत कई काम आधे अधूरे रह गए हैं।
विधायक ने विस्तार से बताया कि कई गांवों में पानी की आपूर्ति अभी तक शुरू नहीं हो पाई है और सरकारी टंकियां गिर गई हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूरे योजना कार्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। उनका कहना था कि जनता की मेहनत की कमाई का दुरुपयोग किया जा रहा है और योजनाओं का लाभ आम आदमी तक सही तरीके से नहीं पहुंच रहा।
विपक्ष ने सदन में यह भी सवाल उठाया कि ग्राम सड़क योजना में भी कई ठेकेदारों ने काम अधूरा छोड़ दिया, जिससे ग्रामीणों को सुविधा नहीं मिल रही और योजनाओं का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा। कई जिलों के लोग सड़क निर्माण में देरी और गुणवत्ता की कमी से परेशान हैं।
सदन में विपक्ष के इन आरोपों के बाद सुरक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्रवाई और योजनाओं की समीक्षा की मांग उठी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष का यह हमला सरकार के विकास कार्यों और नीतिगत निर्णयों पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास है।
विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि अगर जल शक्ति मिशन और ग्राम सड़क योजना में सुधार नहीं किया गया, तो आगामी चुनावों में इसका राजनीतिक असर हो सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि योजनाओं का कार्य पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए, ताकि जनता को उसका वास्तविक लाभ मिल सके।
इस दौरान सरकार की तरफ से अधिकारी और मंत्री यह समझाने की कोशिश में लगे रहे कि योजनाओं में सुधार और निगरानी की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि विपक्ष ने कहा कि जमीन पर काम की वास्तविक स्थिति जनता देख रही है और रिपोर्टों में दिखाई गई चीजें अक्सर वास्तविकता से मेल नहीं खातीं।
अंततः, उत्तर प्रदेश विधानसभा में जल शक्ति मिशन और ग्राम सड़क योजना पर विपक्ष का यह हमला राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बहस ने यह साफ कर दिया कि राज्य में विकास योजनाओं की वास्तविक प्रभावशीलता और पारदर्शिता पर अब सदन और जनता दोनों की नजर है।