ऐंचोड़ा कंबोह में श्री कल्कि कथा के तीसरे दिन तुलसी पीठाधीश्वर ने सुनाई भगवान कल्कि की कथा
संभल के गांव ऐंचोड़ा कंबोह में चल रही सात दिवसीय श्री कल्कि कथा के तीसरे दिन विशेष आध्यात्मिक आयोजन हुआ। इस अवसर पर तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने उपस्थित भक्तों को भगवान कल्कि के जीवन और लीलाओं के बारे में रोचक और मार्मिक कथा सुनाई।
स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने भगवान कल्कि के नामकरण की कथा विस्तार से बताई। उन्होंने कहा कि भगवान कल्कि के जन्म और उनके नामकरण की पृष्ठभूमि में गहन आध्यात्मिक संदेश छिपा हुआ है। कथा सुनते समय भक्तों ने ध्यान और श्रद्धा के साथ कथा का आनंद लिया।
इसके साथ ही महाराज ने कल्कि भगवान के ननिहाल से संभल लौटने के प्रसंग का विवरण भी साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे भगवान कल्कि के बाल्यकाल और उनके ननिहाल के अनुभव उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कथा के दौरान महाराज ने भगवान कल्कि की लीलाओं और उनके आदर्श जीवन के मार्गदर्शन पर भी प्रकाश डाला।
स्थानीय लोगों और भक्तों ने इस धार्मिक आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने कथा सुनकर आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया और भगवान कल्कि के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। आयोजन स्थल पर भव्य व्यवस्था की गई थी, जिसमें श्रद्धालुओं के बैठने और पूजा-अर्चना के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी।
कथा के तीसरे दिन महाराज ने भक्तों को यह संदेश भी दिया कि भगवान कल्कि का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि भगवान कल्कि ने हमेशा धर्म और सत्य का पालन किया और समाज में न्याय और अच्छाई स्थापित करने का संदेश दिया। भक्तों ने उनके उपदेशों को ध्यानपूर्वक सुना और अपने जीवन में उसे अपनाने की शपथ ली।
इस सात दिवसीय कथा आयोजन का उद्देश्य धार्मिक और सामाजिक चेतना फैलाना है। इसके माध्यम से लोगों में अध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है और वे अपने जीवन में नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक सिद्धांतों का पालन करते हैं।
भक्तों ने कहा कि इस तरह की कथाएँ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और उन्हें अपने कर्तव्यों और धर्म का पालन करने के लिए प्रेरित करती हैं। आयोजन के दौरान भजन, आरती और अन्य धार्मिक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया, जिससे वातावरण भक्तिपूर्ण और पावन बना रहा।
कुल मिलाकर, संभल के ऐंचोड़ा कंबोह में श्री कल्कि कथा के तीसरे दिन तुलसी पीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य महाराज द्वारा सुनाई गई कथा ने भक्तों के हृदय में भगवान कल्कि के प्रति श्रद्धा और भक्ति की भावना को और गहरा किया। कथा आयोजन आगामी दिनों में भी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता रहेगा।