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ठंड बढ़ने से एसएन मेडिकल कॉलेज में हृदय रोग के मरीजों की संख्या में वृद्धि

 

शहर में सर्दियों का मौसम अपने चरम पर है और बढ़ती ठंड ने स्वास्थ्य के लिहाज से गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में हृदय रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड में रक्त वाहिकाओं पर अधिक दबाव पड़ने के कारण नसें सिकुड़ती हैं, जिससे हृदय रोगियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, इमरजेंसी वार्ड में रोजाना औसतन 10 से 12 हृदय रोगी भर्ती हो रहे हैं। इनमें करीब 40 फीसदी मरीज 30 से 45 साल की आयु वर्ग के हैं, जो सामान्यतः अपेक्षाकृत युवा माने जाते हैं। चिकित्सकों ने बताया कि इस उम्र में हृदय रोग की बढ़ती घटनाएं स्वास्थ्य और जीवनशैली की बदलती आदतों का परिणाम हैं।

एसएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय वर्मा ने बताया, “ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे हृदय पर काम का भार बढ़ता है। यह स्थिति विशेष रूप से उन लोगों के लिए खतरनाक है, जिनमें पहले से उच्च रक्तचाप, शुगर या हृदय संबंधी समस्याएं मौजूद हैं।”

चिकित्सकों ने आम नागरिकों को सलाह दी है कि वे ठंड के मौसम में हृदय स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि धूम्रपान, शराब का सेवन, अत्यधिक तैलीय भोजन और अनियमित जीवनशैली से परहेज करना जरूरी है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम, सही खानपान और डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं का सही समय पर सेवन हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

अस्पताल प्रशासन ने कहा कि इस बढ़ती संख्या को देखते हुए इमरजेंसी विभाग में अतिरिक्त स्टाफ और बेड की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि मरीजों की जांच और उपचार के लिए विशेष टीम गठित की गई है, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित इलाज सुनिश्चित किया जा सके।

विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में हृदय रोगियों के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल स्तर की निगरानी अत्यंत जरूरी है। इसके साथ ही अचानक भारी कामकाज या शारीरिक मेहनत से बचने की भी सलाह दी जाती है।

स्थानीय नागरिकों ने कहा कि ठंड में यह समस्या अधिक गंभीर हो जाती है और उन्होंने हृदय रोगियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समय पर उपचार सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस प्रकार आगरा में ठंड बढ़ने के कारण हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि स्वास्थ्य के लिए चेतावनी का संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि सावधानी, सही खानपान और समय पर चिकित्सा देखभाल से इस समस्या से निपटा जा सकता है।