हाथरस के स्कूल में लापरवाही: कीटनाशक छिड़काव से बिगड़ी बच्चों की तबीयत, आधा दर्जन छात्र अस्पताल में भर्ती
प्रदेश के हाथरस जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक स्कूल में मच्छरों की रोकथाम के लिए किए गए कीटनाशक छिड़काव के दौरान घोर लापरवाही बरती गई। यह लापरवाही छात्रों की जान पर भारी पड़ गई। स्कूल परिसर में बच्चों की मौजूदगी में ही कीटनाशक का छिड़काव कर दिया गया, जिससे कम से कम आधा दर्जन छात्र-छात्राएं विषैले रसायनों के संपर्क में आ गए और उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
सूचना मिलते ही विद्यालय प्रशासन और अभिभावकों में हड़कंप मच गया। बीमार हुए बच्चों को आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल सभी बच्चों का इलाज चल रहा है और डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
क्या है मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्कूल प्रबंधन द्वारा मच्छरों की समस्या से निपटने के लिए परिसर में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया गया था। लेकिन यह कार्य उस समय किया गया जब कक्षाएं चल रही थीं और बच्चे स्कूल में मौजूद थे। छिड़काव के तुरंत बाद कई छात्रों को सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना और उल्टी की शिकायत होने लगी।
लापरवाही बनी हादसे की वजह
इस पूरी घटना में स्कूल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सामान्य प्रक्रिया के अनुसार कीटनाशक छिड़काव छुट्टी के दिन या बच्चों की गैरमौजूदगी में किया जाना चाहिए था। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने न तो बच्चों को बाहर निकाला और न ही कोई पूर्व सूचना दी। यही नहीं, छिड़काव के दौरान जरूरी सुरक्षा उपायों को भी नजरअंदाज किया गया।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। डीएम और सीएमओ ने अस्पताल पहुंचकर बच्चों का हाल जाना और स्कूल प्रशासन से जवाब-तलब किया। फिलहाल, मामले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी गई है और स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
अभिभावकों में आक्रोश
इस घटना से बच्चों के अभिभावक बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि अगर प्रशासन और स्कूल प्रबंधन थोड़ी सी भी सतर्कता बरतते तो यह हादसा टाला जा सकता था। अभिभावकों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अब आगे क्या?
फिलहाल अस्पताल में भर्ती छात्रों की हालत स्थिर बताई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि कीटनाशक किस स्तर का था और छिड़काव के नियमों का कितना उल्लंघन हुआ। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।