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मुस्लिम युवती ने मंदिर में हिंदू युवक संग लिए सात फेरे, वीडियो जारी कर कही यह बात

 

एक ओर जहां पूरे प्रदेश में लव जिहाद की घटनाएं हो रही हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में दो मुस्लिम लड़कियों ने हिंदू धर्म अपना लिया है। युवतियों ने अपने प्रेम जीवन साथी को बनाने के लिए हिंदू धर्म अपनाया। अमित और गौरव उन लोगों के लिए किसी मिसाल से कम नहीं हैं जो हिंदू-मुस्लिम लड़कियों को हिंदू या मुस्लिम बताकर झूठे प्यार के जाल में फंसाते हैं। हालांकि, इस प्रेम विवाह ने धार्मिक बवाल मचा दिया है। भोजपुर और कटघर की मुस्लिम लड़कियों नूर फात्मा और स्वालेहीन ने न सिर्फ अपना नाम बदला है। बल्कि, हिंदू धर्म अपनाने के बाद अब वे नीलम और शालिनी बन गई हैं।

मुरादाबाद के कटघर इलाके से खुशी और सामाजिक सौहार्द की एक मिसाल सामने आई है। यहां मुस्लिम लड़कियों ने हिंदू लड़कों से शादी कर एक नई मिसाल कायम की है। दोनों जोड़ों ने आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की, जो इलाके में सौहार्द और आपसी सम्मान का प्रतीक बन गया है।

कटघर इलाके की स्वालेहीन ने शादी के बाद एक वीडियो जारी किया। इसमें उसने अपने परिवार को बताया कि उसने अपनी पसंद के युवक अमित से शादी कर ली है। वह अमित के साथ रहना चाहती है। शादी के बाद स्वालेहिन ने अपना नाम बदलकर शालिनी रख लिया। आर्य समाज मंदिर में पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाज से विवाह समारोह संपन्न हुआ।

वहीं, भोजपुर क्षेत्र की नूर फातमा ने भी हिंदू युवक गौरव से विवाह किया है। शादी के बाद नूर फातमा ने अपना नाम बदलकर नीलम रख लिया। गौरव और नूर फातमा का विवाह भी खुर्जा के आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से एक साथ हुआ। फातमा ने एक वीडियो जारी कर अपनी सुरक्षा की माँग की है। साथ ही अपने परिवार को संदेश दिया है कि अब वह वापस नहीं आना चाहती। इसलिए उसे परेशान न करें।

ये विवाह न केवल व्यक्तिगत प्रेम और विश्वास का प्रतीक हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि हमारे समाज में धार्मिक सीमाओं के पार एकता और भाईचारे को मजबूत किया जा सकता है। यह पहल क्षेत्र में सामाजिक समरसता और सौहार्द को बढ़ावा देगी। दोनों युवतियाँ अपने-अपने परिवारों के लिए खतरा बनकर अपनी पसंद के युवक से विवाह करने का निर्णय लेती हैं, जो उनके साहस और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। ऐसे उदाहरण समाज में एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं, जहाँ जाति, धर्म और समुदाय से ऊपर प्रेम और सम्मान को प्राथमिकता दी जाती है।