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मिथिला की खेती अब पंजाब-हरियाणा जैसी होगी, जदयू नेता संजय झा ने दी जानकारी, कहा- कोसी नहर परियोजना को मिलेगा 8678 करोड़ का विस्तार

 

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने मिथिला क्षेत्र के किसानों को बड़ी सौगात की घोषणा करते हुए कहा है कि अब मिथिला में खेती पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर होगी। इसके लिए पश्चिम कोसी नहर परियोजना को विस्तारित और सशक्त किया जा रहा है, जिसकी लागत 8678 करोड़ रुपये तय की गई है।

“यह सिर्फ सिंचाई नहीं, हर खेत में समृद्धि का संकल्प है” – संजय झा

राज्यसभा सांसद संजय झा ने इस योजना के विस्तार को मिथिला की खुशहाली की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा और समस्तीपुर जैसे जिलों की खेती को वर्षभर भरपूर सिंचाई सुविधा मिलेगी। इसके माध्यम से रबी, खरीफ और जायद – तीनों मौसमों में उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।

उन्होंने कहा:

“पंजाब-हरियाणा जैसे क्षेत्रों में जो हरियाली है, वह लगातार सिंचाई के कारण है। अब मिथिला में भी वही हरियाली लौटेगी। यह सिर्फ एक परियोजना नहीं, मिथिला की आत्मनिर्भरता और कृषि समृद्धि की नींव है।”

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को जताया आभार

संजय झा ने इस परियोजना को मंजूरी और विस्तार देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय का नतीजा है, जो बिहार जैसे कृषि-आधारित राज्य के लिए बेहद जरूरी है।

परियोजना के प्रमुख बिंदु

  • 8678 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना का उन्नयन होगा।

  • कोसी नदी से पश्चिमी क्षेत्र के खेतों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था और अधिक प्रभावशाली होगी।

  • इस परियोजना से लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

  • पानी की बर्बादी रोकने के लिए आधुनिक लाइनिंग और निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी।

  • परियोजना के तहत नहरों की गहराई और चौड़ाई बढ़ाई जाएगी, जिससे अधिक क्षेत्र कवर होगा।

खेती में बदलाव की उम्मीद

मिथिला क्षेत्र की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है, लेकिन अब तक यहां जल संसाधनों की कमी और अनियमित मानसून के चलते खेती अस्थिर रही है। इस परियोजना से न केवल सिंचाई सुनिश्चित होगी, बल्कि मधुबनी और दरभंगा जैसे सूखाग्रस्त इलाकों में भी खेती का रकबा और उत्पादन दोनों बढ़ेंगे।