मेरठ में फूड विभाग के अधिकारियों का खेल उजागर, जीरो टॉलरेंस नीति को ठेंगा दिखाने का आरोप
उत्तर प्रदेश के मेरठ में खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का एक बड़ा खेल सामने आया है, जो यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को ठेंगा दिखाने जैसा प्रतीत हो रहा है। आगामी त्योहारों को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार खाद्य प्रतिष्ठानों पर जांच कर रहा है, ताकि खाने-पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। लेकिन मेरठ के एक पेठे की दुकान पर अधिकारियों की किरकिरी हो गई।
मामला उस समय सामने आया जब खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने एक पेठे की दुकान पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान अधिकारियों का आचरण संदिग्ध पाया गया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने दुकानदार से एक मोटी रकम की मांग की, ताकि उसे बिना जांच के छोड़ दिया जाए। इस घटना की जानकारी जब दुकानदार ने स्थानीय मीडिया को दी, तो यह मामला जोर पकड़ने लगा।
स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों का आरोप है कि खाद्य विभाग के अधिकारी इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जो न केवल सरकारी नीति का उल्लंघन है, बल्कि व्यापारी वर्ग को भी परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की इस करतूत से न सिर्फ विभाग की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि यह आम जनता और व्यापारियों के बीच सरकार के प्रति विश्वास भी कमजोर कर रही है।
इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। खाद्य विभाग ने इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है और भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति के तहत कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि सरकारी विभागों में यदि कुछ अधिकारियों की कार्यशैली सही न हो, तो सरकारी नीतियों और योजनाओं का वास्तविक लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में इस मामले की जांच और उचित कार्रवाई महत्वपूर्ण होगी, ताकि भविष्य में इस तरह के कृत्य की पुनरावृत्ति न हो।