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मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी का विवादित बयान, कहा कम उम्र में मुस्लिम लड़कों से हो जाती है गलती, जानें क्या है इस बयान के मायने

 

रिवायत का मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरवील ने अज़ाब धर्म परिवर्तन और लव जिहाद पर एक सहमति दी है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के मामलों में दो तरह के नियम चल रहे हैं। नेटवर्क18 की रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का कहना है कि अगर छांगुर पीर नैना जलालुद्दीन का धर्मांतरण अबिया है, तो 'घर वापसी' वाले हिंदू संतों को भी वही सजा मिलनी चाहिए। 'लव जेहाद' के मुद्दे पर मौलाना शहाबुद्दीन का कहना है कि मुस्लिम युवाओं का पहचान छिपाकर (जैसे कलावा या कमेंट प्रतिबंध) गैर-मुस्लिम महिलाओं से संबंध बनाना गलत है और इस्लाम में ऐसा नहीं होता है।

हालाँकि, इसके बावजूद मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इसे 'साजिश' सिद्धांत से खारिज कर दिया। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के अनुसार, यह मुस्लिम मुसलमानों की उम्र में होने वाली एक 'गलती' है, न कि कोई 'लव जिहाद'। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन नहीं किया जाता।

नसरीन और छांगुर बाबा के बीच ठीक नहीं था

नसरीन ने बताया कि पिछले कुछ समय से उनके और छांगुर पीर बाबा के अच्छे नहीं चल रहे थे। इसकी वजह थी विदेशी फंडिंग. विदेश से होने वाली फंडिंग का अकाउंट सबसे बड़ी छांगुर पीर बाबा ने अपने बेटे साहब को दे दिया था, जिसकी वजह से नसेरिन और जलालुद्दीन के बीच समानता और मनभेद हो गए थे।

गाल्फ क्रिश्चियन से छांगुर बाबा के पास आते थे मौलाना

उत्तर प्रदेश के एक परीक्षण के पूछताछ में माले नसरीन नीतीन रोहरा ने अधिकारियों से यह भी कहा कि इस्लाम के धर्म परिवर्तन और महत्व को समझने के लिए गैल्फ क्षेत्र से जमात जलालुद्दीन की कोठी पर आए थे और इस्लाम के प्रचार-प्रसार के तरीके के बारे में बताया गया था। नेपाल से भी काफी लोग बैसाखी के उतरौला में स्थित गंगालालुद्दीन छांगुर पीर बाबा की कोठी पर आये थे।

विदेश यात्रा की कोशिश में थे छांगुर बाबा

बेसहारा न सेरिन नीनीत रोहरा ने यूपी ए के जांच अधिकारियों को यह भी बताया कि मैसाचुसेट्स जलालुद्दीन ने अपने बेटे साहब की धोखाधड़ी के बाद विदेश यात्रा की कोशिश की थी, क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि पुलिस उन्हें भी कभी गिरफ्तार कर सकती है। छांगुर पीर बाबा ने अपने मूल गांव रेहरा माफिया और मधुपुर में रह रहे कुछ लोगों के सिक्कों में भी पैसे जुटाए थे। यूपी ए टी ए टी एस के इन दस्तावेजों में लोगों के अभिलेखों में शामिल किया गया है, निवास का नाम एबीए एनबीएल नीडोइन रोहरा के लिए रखा गया है। अगर नाबालिग नासरीन की बातें सच हैं तो नागालैंड के जलालुद्दीन नांगुर पीर बाबा के गांव से अभी और गिरफ़्तारियां हो सकती हैं।