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पांच साल बाद फिर शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा, श्रद्धालुओं में उत्साह, सरकार ने किए व्यापक इंतजाम

 

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बहुप्रतीक्षित और पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर व्यापक तैयारियों का खाका खींच लिया है। कोरोना महामारी के चलते पिछले पांच वर्षों से स्थगित रही यह तीर्थयात्रा अब एक बार फिर से इस माह से शुरू हो रही है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है।

यात्रा की औपचारिक शुरुआत 13 जून को उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह द्वारा पहले जत्थे को लखनऊ से हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के साथ होगी। इस वर्ष यह यात्रा जून से लेकर 25 अगस्त 2025 तक जारी रहेगी।

कोरोना के बाद फिर लौट रही आस्था की रौनक

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की भावनाएं हमेशा से विशेष रही हैं। कोरोना काल में जब यह यात्रा स्थगित की गई थी, तब हजारों श्रद्धालुओं को गहरी निराशा हुई थी। अब जब पांच वर्षों के लंबे इंतजार के बाद यह पवित्र यात्रा दोबारा शुरू हो रही है, तो लोगों में नव चेतना और आस्था का संचार देखा जा रहा है।

सरकार की ओर से विशेष इंतजाम

योगी सरकार ने इस तीर्थयात्रा को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए कई स्तरों पर व्यवस्थाएं की हैं। श्रद्धालुओं के आवास, चिकित्सा, सुरक्षा और मार्गदर्शन के लिए अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा, यात्रा से पहले स्वास्थ्य परीक्षण, ट्रेवल डॉक्यूमेंट्स की जांच और विशेष प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, "कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और विरासत का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश सरकार इस यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए स्मरणीय और सहज बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।"

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

सरकार को उम्मीद है कि इस यात्रा के पुनः शुरू होने से राज्य के धार्मिक पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा मानसरोवर यात्रा के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता और प्रोत्साहन योजनाएं भी इसमें सहायक होंगी। यूपी सरकार अब तक यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को वित्तीय सब्सिडी भी प्रदान करती रही है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी इस यात्रा का लाभ ले सकें।

श्रद्धालुओं के लिए सलाह और सतर्कता

स्वास्थ्य और भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने सभी श्रद्धालुओं को उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिए उपयुक्त तैयारी करने और दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। यात्रा को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं।