आजम खान की 10 साल की सजा पर हाईकोर्ट में जजमेंट रिजर्व, जानिए क्या मिलेगी उन्हें राहत या बढ़ेगी मुश्किलें
जेल में बंद वरिष्ठ सपा नेता आजम खान की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। रामपुर के चर्चित डूंगरपुर कांड से जुड़े एक मामले में आजम खान ने रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दी गई दस साल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दायर की है। इसी मामले में ठेकेदार बरकत अली ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दायर की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
30 मई 2024 को रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को 10 साल की सजा सुनाई थी। आजम खान ने एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दी गई सजा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। डूंगरपुर मामले में अबरार नाम के एक व्यक्ति ने अगस्त 2019 में रामपुर के थाना गंज में आजम खान, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता अबरार के मुताबिक, दिसंबर 2016 में आज़म खान, रिटायर्ड सीओ आले हसन खान और बरकत अली ठेकेदार ने उनके साथ मारपीट की थी। उन्होंने उनके घर में तोड़फोड़ भी की और जान से मारने की धमकी दी। इसके साथ ही उनका घर भी तोड़ दिया गया। 2019 में अबरार ने थाना गंज में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आज़म खान को 10 साल और बरकत अली ठेकेदार को 7 साल की सजा सुनाई थी।