भारतीय सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से सफल वापसी, परिवार में खुशी की लहर
भारतीय सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर एक महत्वपूर्ण मिशन पर थे, अपने मिशन को पूरा कर सकुशल पृथ्वी पर लौट आए हैं। मंगलवार को अपराह्न तीन बजे उनका अंतरिक्ष यान कैलीफोर्निया के तट पर सुरक्षित रूप से उतरा, जिससे उनके परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नई उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए और अंतरिक्ष में भारतीय सेना की उपलब्धियों को बढ़ावा दिया। इस मिशन को लेकर देशभर में उत्साह था और उनके लैंडिंग के वक्त लखनऊ में सीएमएस स्कूल के छात्रों और परिवारवालों के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, ताकि वे इस ऐतिहासिक लम्हे को लाइव देख सकें।
लैंडिंग के दौरान, शुभांशु के माता-पिता की भावनाएं उमड़ पड़ीं। उनकी मां, आशा देवी और पिता, शंभू दयाल शुक्ला दोनों ही इस महत्वपूर्ण क्षण को महसूस करते हुए अत्यंत भावुक हो गए। आशा देवी ने कहा, "यह हमारे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि हमारा बेटा इस महान मिशन का हिस्सा बना और सफलतापूर्वक अपनी वापसी की।"
लैंडिंग के बाद, शुभांशु ने भी अपने माता-पिता और भारतीय सेना के अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मिशन उन्हें भारतीय वैज्ञानिकों और सेना के जज़्बे को समझने और अनुभव करने का अवसर मिला। उन्होंने अपने मिशन को पूरी तरह से सफल मानते हुए कहा कि उनकी यह यात्रा न केवल उनके लिए, बल्कि भारत के लिए भी गर्व का कारण बनी है।
शुभांशु के परिवार के सदस्य भी इस मौके पर गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। उनके दोस्त और सहकर्मी भी इस ऐतिहासिक पल को लेकर उनके साथ खुशी मना रहे थे। लखनऊ में सीएमएस स्कूल के छात्र भी इस लैंडिंग का सजीव प्रसारण देखकर बेहद प्रभावित थे। उनके लिए यह किसी प्रेरणा से कम नहीं था, क्योंकि वे जानते हैं कि उनके बीच से कोई व्यक्ति अंतरिक्ष में जाकर देश का नाम रोशन कर रहा है।
इस लैंडिंग के बाद, शुभांशु के परिवार ने अपने बेटे के इस ऐतिहासिक मिशन के बारे में कई मीडिया चैनलों से बात की और उनके इस सफल मिशन की सराहना की। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय विज्ञान, तकनीकी और अंतरिक्ष क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
अब, देशभर में यह चर्चा का विषय बन चुका है कि भारतीय सेना और भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ISRO) ने मिलकर कैसे अंतरिक्ष में भारतीय शक्ति को स्थापित किया है। शुभांशु शुक्ला की सफलता आने वाले समय में अनेक युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।