लगातार बारिश से उमस से राहत, लेकिन कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ा
प्रदेश के अधिकांश जिलों में पिछले एक सप्ताह से हो रही लगातार बारिश ने भीषण उमस से राहत तो दी है, लेकिन इसके साथ ही बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। लखनऊ समेत कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे मौसम सुहावना हो गया है और अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले सात दिनों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी और आजमगढ़ समेत कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी अच्छी बारिश ने तापमान को नीचे ला दिया है, जिससे लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली है।
हालांकि, लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बहराइच, लखीमपुर खीरी, गोंडा और बलरामपुर जिलों में घाघरा, शारदा और राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।
लखनऊ में पिछले 24 घंटों के दौरान 52 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई, जिससे कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। हजरतगंज, चारबाग, आलमबाग, अमीनाबाद और कैसरबाग जैसे क्षेत्रों में पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ। नगर निगम की टीमें जलनिकासी के कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन लगातार बारिश के चलते समस्या बनी हुई है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यह बारिश खरीफ फसलों के लिए लाभदायक है, खासकर धान, मक्का और मूंगफली की खेती के लिए। हालांकि, अगर बारिश का यह क्रम लंबे समय तक जारी रहा और बाढ़ की स्थिति बनी, तो फसलों को नुकसान भी हो सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों में जलभराव न होने दें और जरूरत पड़ने पर पानी की निकासी की व्यवस्था करें।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए भी प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। लखनऊ में न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 29.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री कम है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव सामग्री पहले से उपलब्ध कराएं। साथ ही, नदियों के किनारे रहने वाले लोगों की नियमित निगरानी की जाए और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जाए।
लगातार हो रही बारिश ने जहां लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी है, वहीं प्रशासन के लिए बाढ़ की चुनौती खड़ी कर दी है। आने वाले दिनों में मौसम के तेवर और नदियों के जलस्तर पर ही प्रदेश की स्थिति निर्भर करेगी।