'मैं उसका पहला मरीज था, वो मेरी आखिरी डॉक्टर बन गई...' आगरा में इंजीनियर ने की आत्महत्या, आखिरी ख़त में खुला मौत का राज़
उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित एक होटल में 30 वर्षीय इंजीनियर रोहित कुमार ने आत्महत्या कर ली। उनका शव होटल के कमरे में मिला। पुलिस को मौके से एक पेन ड्राइव और सुसाइड नोट मिला है, जिसमें रोहित ने अपनी अंतिम इच्छा जताई है। मृतक मूल रूप से मेरठ का रहने वाला था।
सुसाइड नोट में रोहित ने लिखा- "मेरी मौत के बाद 13 दिन तक ड्रामा मत करना। घर पर सबको बुला लेना, फिर 13 दिन तक ड्रामा करना। मुझे ऐसे ही रहने देना जैसे मैं लापता हूँ। मैं उनका पहला मरीज हूँ और वो मेरी आखिरी डॉक्टर हैं। मेरा शरीर परिवार और रिश्तेदारों को मत देना। इसे दान कर देना या मेडिकल छात्रों को दे देना। अंग दान कर देना चाहिए, जिनका इस्तेमाल डॉक्टरों की पढ़ाई के लिए हो सके। मैं गायब हो सकता हूँ, लेकिन मेरा शरीर नहीं।"
रोहित के पास मिली पेन ड्राइव में यह सुसाइड नोट पीडीएफ फॉर्मेट में था, जिसमें एक महिला डॉक्टर का नाम और नंबर भी लिखा था। यह डॉक्टर अब किसी दूसरे जिले में कार्यरत हैं।मामले में आगरा पुलिस ने बताया कि शाहगंज थाने में 4 अगस्त को एक इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली थी। उसने सफेद चादर से फांसी लगा ली थी। वीडियोग्राफी करते हुए शव को तुरंत कब्जे में ले लिया गया। फील्ड यूनिट भी मौके पर पहुँच गई।
मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें एक महिला डॉक्टर का ज़िक्र है। इसमें कहा गया है कि या तो आप मेरे इस शरीर के अंग दान कर दें या किसी मेडिकल कॉलेज को दान कर दें। फ़िलहाल, इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।जानकारी के अनुसार, रोहित के पिता सलेख चंद पाँच साल पहले विजिलेंस विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। रोहित की माँ का लगभग दो साल पहले निधन हो गया था। रोहित अविवाहित था और घर पर ही रहता था।
उसका एक भाई और दो बहनें हैं। भाई और उसकी पत्नी दुबई में प्रोफ़ेसर हैं, जबकि दोनों बहनें विवाहित हैं। मृतक रोहित ने गाजियाबाद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। लंबे समय से नौकरी न मिलने के कारण उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसने सुसाइड नोट में महिला डॉक्टर का ज़िक्र क्यों किया, यह अभी जाँच का विषय है।