दहेज के लिए हत्या मामले में पति और सास को उम्रकैद, अदालत की तीखी टिप्पणी
जिले के अतरौली तहसील क्षेत्र के गदाईपुर गांव से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला अदालत में अपने निष्कर्ष तक पहुंच गया। दहेज के लिए पत्नी की हत्या के इस मामले में एडीजे-11 प्रतिभा सक्सेना द्वितीय की अदालत ने दोषी पति मुकेश और उसकी मां अंगूरी देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर अर्थदंड भी लगाया गया है।
इस केस की विशेष बात यह है कि आरोपी मुकेश की यह दूसरी शादी थी। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद, उसने दूसरी शादी की थी। लेकिन शादी के महज चार साल बाद ही उसकी दूसरी पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका के मायके पक्ष ने शुरू से ही दहेज हत्या का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
अदालत की टिप्पणी
अदालत ने फैसले में कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी की कि "समाज में दहेज लोभ एक कैंसर की तरह फैल चुका है, जिसे सख्त सजा देकर ही रोका जा सकता है।" कोर्ट ने यह भी कहा कि महिला उत्पीड़न और दहेज हत्या जैसे मामलों में कोई नरमी नहीं बरती जा सकती। ऐसे अपराध न केवल एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए कुंठा और असुरक्षा का वातावरण पैदा करते हैं।
सजा और जुर्माना
अदालत ने दोषी पति मुकेश और सास अंगूरी देवी दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 304बी (दहेज मृत्यु), 498ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा क्रूरता) और धारा 201 (साक्ष्य मिटाने का प्रयास) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर प्रत्येक को 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यदि जुर्माना अदा नहीं किया गया, तो उन्हें अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
घटना का संक्षिप्त विवरण
पीड़िता की शादी चार साल पहले मुकेश से हुई थी। विवाह के बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग की जाती रही। मायके पक्ष ने पहले भी कई बार बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास किया था, लेकिन उत्पीड़न जारी रहा। चार साल बाद पीड़िता की अचानक मौत हो गई, जिसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए पति और सास को गिरफ्तार किया था।
समाज के लिए संदेश
इस फैसले से समाज में यह स्पष्ट संदेश गया है कि दहेज प्रथा और महिला उत्पीड़न जैसे अपराधों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। न्यायपालिका ने यह दर्शाया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने वालों को कठोर सजा भुगतनी पड़ेगी।