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गोरखपुर और कानपुर के चिड़ियाघर 56 दिन बाद फिर से खुले, बर्ड फ्लू का खतरा टला

 

वन विभाग ने गोरखपुर और कानपुर के चिड़ियाघरों को 8 जुलाई से पुनः खोलने का निर्णय लिया है। बर्ड फ्लू के संक्रमण की आशंका के चलते ये दोनों चिड़ियाघर करीब 56 दिनों से बंद थे। अब भोपाल की लैब से प्राप्त तीसरी रिपोर्ट के भी निगेटिव आने के बाद, विभाग ने इन्हें आम दर्शकों के लिए दोबारा खोलने की अनुमति दी है।

दर्शकों के लिए राहत की खबर

इस निर्णय से पशु प्रेमियों और स्कूली बच्चों के बीच खासा उत्साह है। लंबे समय से बंद पड़े चिड़ियाघरों के फिर से खुलने की खबर ने दर्शकों को राहत दी है, खासकर गर्मी की छुट्टियों में छूटे अंतिम दिनों में यह बड़ी खुशी लेकर आया है।

निगेटिव रिपोर्ट ने दी हरी झंडी

गौरतलब है कि गोरखपुर और कानपुर के चिड़ियाघरों में कुछ पक्षियों की असामान्य मौतों के बाद बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए चिड़ियाघरों को एहतियातन बंद कर दिया गया था। इसके बाद पक्षियों के सैंपल भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NISHAD) लैब भेजे गए थे। लगातार तीन बार रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद चिड़ियाघर को सुरक्षित घोषित किया गया है।

वन विभाग का ऐहतियाती रुख

वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि भले ही चिड़ियाघर खोल दिए गए हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और पशु चिकित्सकों की एक टीम नियमित निगरानी करती रहेगी। साफ-सफाई और बायो-सिक्योरिटी उपायों को और अधिक सख्ती से लागू किया जाएगा।

नियमों का पालन करना अनिवार्य

चिड़ियाघर प्रबंधन ने दर्शकों के लिए भी कुछ दिशा-निर्देश तय किए हैं:

  • किसी भी पिंजरे में भोजन या अन्य वस्तुएं फेंकने की अनुमति नहीं होगी।

  • पक्षियों के नजदीक जाने या उन्हें छूने का प्रयास प्रतिबंधित रहेगा।

  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत गार्ड या प्रबंधन को दें।

  • मास्क और सेनिटाइजर का उपयोग करते हुए परिसर में रहें स्वच्छ।

प्रशासन ने जताई संतुष्टि

गोरखपुर और कानपुर के चिड़ियाघर निदेशकों ने कहा है कि “हमने पूरी एहतियात के साथ चिड़ियाघर को दोबारा खोलने का निर्णय लिया है। बर्ड फ्लू की स्थिति अब नियंत्रण में है और हमें उम्मीद है कि दर्शक पहले की तरह जिम्मेदारी के साथ चिड़ियाघर का आनंद लेंगे।”