बिना सूचना गैरहाजिर चल रहे चार डॉक्टर बर्खास्त, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की सख्ती का असर
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बिना सूचना लगातार गैरहाजिर चल रहे चार डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें तीन डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के हैं, जबकि चौथा कन्नौज मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग का सहायक आचार्य है।
यह कार्रवाई राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर की गई है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, संबंधित डॉक्टर लंबे समय से ड्यूटी से गायब थे और विभाग की ओर से कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तीन डॉक्टरों के नाम फिलहाल गोपनीय रखे गए हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि ये सभी पिछले कई महीनों से बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित थे। वहीं, कन्नौज मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर पर भी शैक्षणिक और चिकित्सकीय कार्यों से लगातार दूरी बनाए रखने का आरोप था।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हाल ही में सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में अनुशासन और जवाबदेही को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा था कि जो डॉक्टर या स्टाफ अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। प्रदेशभर में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और भी गंभीर होती है, जहां मरीजों को डॉक्टर न मिलने के कारण बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी चिकित्सकीय संस्थानों में डॉक्टरों की उपस्थिति की नियमित निगरानी की जाए और जो भी गैरहाजिर पाया जाए, उसके खिलाफ समय रहते अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
राज्य सरकार की इस सख्ती से स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों को भी स्पष्ट संदेश गया है कि अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आने वाले दिनों में और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार का यह रुख निश्चित ही सराहनीय माना जा रहा है।