प्रयागराज में दर्दनाक हादसा, भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों के चार बच्चों की पानी भरे गड्ढे में डूबकर मौत
जिले में बुधवार को एक हृदयविदारक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। भट्ठे पर मजदूरी करने वाले श्रमिकों के चार मासूम बच्चों के शव एक पानी से भरे गड्ढे में उतराते हुए पाए गए। यह हादसा उस समय सामने आया जब मंगलवार दोपहर से लापता इन बच्चों की खोजबीन की जा रही थी और बुधवार सुबह स्थानीय लोगों को एक गड्ढे में शव दिखे।
मिट्टी की खुदाई से बना था गड्ढा, बारिश में भर गया पानी
घटना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों और पुलिस के अनुसार, यह गड्ढा पास के ही एक ईंट-भट्ठे के पास मिट्टी की खुदाई के चलते बना था। बरसात के कारण इसमें पानी भर गया था और यह तालाब जैसा रूप ले चुका था। बच्चे खेलते-खेलते इसी गड्ढे के पास पहुंच गए और संभवतः फिसलकर इसमें गिर गए।
मंगलवार दोपहर से थे लापता
चारों बच्चे मंगलवार दोपहर बाद से लापता थे। उनके परिजनों ने पहले उन्हें आस-पास ढूंढा, लेकिन कोई पता नहीं चला। जब देर रात तक बच्चे घर नहीं लौटे तो पुलिस को सूचना दी गई।
बुधवार सुबह ग्रामीणों ने पानी भरे गड्ढे में बच्चों के शव उतराते देखे, जिसके बाद इलाके में कोहराम मच गया।
मृत बच्चों की पहचान
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृत बच्चों की उम्र 6 से 10 साल के बीच थी। सभी के माता-पिता पास के ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करते हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
परिवारों में मचा कोहराम
बच्चों की मौत की खबर सुनते ही उनके परिजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। माताओं की चीख-पुकार और पिता की बेबसी का मंजर देख हर आंख नम हो गई। पूरा गांव गमगीन माहौल में डूबा है।
प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गड्ढा काफी समय से खतरा बना हुआ था, लेकिन किसी ने इसे भरवाने या चेतावनी बोर्ड लगाने की जहमत नहीं उठाई। ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, शोक संतप्त परिवारों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया गया है।