मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने तोड़ी चुप्पी, नंदिनीनगर में बोले– "सीएम हमारे शुभचिंतक
गोंडा जिले के नवाबगंज स्थित नंदिनीनगर में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हालिया मुलाकात को लेकर स्थिति स्पष्ट की। बीते दिनों अचानक हुई इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। इन अटकलों को विराम देते हुए बृजभूषण ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बुलाया था, और वे उनके बुलावे पर ही लखनऊ गए थे।
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमारे शुभचिंतक हैं। जब उन्होंने बुलाया तो हम गए। इसमें किसी को आपत्ति करने की कोई जरूरत नहीं है। यह सत्य है कि बीते 31 महीनों में हमारी उनसे मुलाकात नहीं हुई थी, लेकिन जब उन्होंने बुलाया तो जाना स्वाभाविक था।"
पूर्व सांसद के इस बयान से उन तमाम अटकलों को भी जवाब मिल गया है, जिसमें उनकी मुख्यमंत्री से दूरी को लेकर कई तरह की बातें की जा रही थीं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बृजभूषण शरण सिंह का यह बयान न केवल व्यक्तिगत स्पष्टीकरण है, बल्कि पार्टी के अंदरुनी समीकरणों को भी संतुलित करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बृजभूषण शरण सिंह हाल के महीनों में अपने बयानों और गतिविधियों के कारण राजनीतिक केंद्र में बने रहे हैं। उनके खिलाफ कुछ कानूनी मामलों और महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों के चलते भी वे विवादों में रहे थे। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने अब तक इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा आने वाले समय में उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है, लेकिन इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
नंदिनीनगर में स्थानीय कार्यकर्ताओं और समर्थकों से बातचीत के दौरान बृजभूषण ने साफ किया कि वे पार्टी और नेतृत्व के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर अफवाहें फैला रहे हैं ताकि भ्रम की स्थिति बने, लेकिन वे भाजपा के सच्चे सिपाही हैं और पार्टी की नीति और नेतृत्व के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल गोंडा बल्कि उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर बृजभूषण शरण सिंह को चर्चा के केंद्र में ला दिया है। मुख्यमंत्री से हुई इस मुलाकात के बाद उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा आगामी चुनावी रणनीतियों में उन्हें किस भूमिका में आगे लाती है।