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स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में गिरावट, नगर निकायों की सफाई व्यवस्था पर उठे सवाल

 

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की रिपोर्ट ने जिले के नगर निकायों की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है। नगर पालिका परिषद, हाथरस की राष्ट्रीय रैंकिंग में 43 स्थान की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं राज्य स्तर पर भी प्रदर्शन कमजोर रहा है, जिससे स्वच्छता कार्यक्रमों की वास्तविक स्थिति पर सवाल खड़े हो गए हैं।

रैंकिंग में भारी गिरावट

स्वच्छ भारत मिशन के तहत जारी इस साल की रिपोर्ट के अनुसार, हाथरस नगर पालिका की राष्ट्रीय रैंकिंग पिछली बार की तुलना में 43 पायदान नीचे खिसक गई है। यह गिरावट दर्शाती है कि जिले में सफाई अभियान महज कागजों तक ही सीमित रह गया है।

नगर निकायों की कार्यशैली पर सवाल

स्वच्छता से जुड़े अभियान, कूड़ा प्रबंधन, सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति, नागरिक भागीदारी जैसे कई मानकों पर जिले के निकाय पिछड़ते नजर आए हैं। स्थानीय लोगों ने भी सफाई व्यवस्था को लेकर कई बार नाराजगी जताई है, लेकिन प्रशासनिक सुधार नहीं हो सके।

अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी?

सूत्रों के मुताबिक, गिरती रैंकिंग के बाद शासन स्तर पर नगर निकायों से रिपोर्ट तलब की जा सकती है। साथ ही नगर पालिका और नगर पंचायतों के कार्यों की समीक्षा के निर्देश दिए जा सकते हैं।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग?

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं, नालों की सफाई समय पर नहीं होती और कूड़ा संग्रहण व्यवस्था भी असंगठित है। ऐसे में रैंकिंग गिरना स्वाभाविक है।