गाजियाबाद में फर्जी 'विदेशी दूतावास' का भंडाफोड़: काल्पनिक देशों के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, STF की कार्रवाई से खुला राज
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने एक फर्जी विदेशी दूतावास का भंडाफोड़ किया है। यह कथित दूतावास कविनगर की एक आलीशान कोठी में चलाया जा रहा था, और इसे देखकर कोई भी धोखा खा जाए कि यह किसी वैध अंतरराष्ट्रीय दूतावास का कार्यालय है। लेकिन सच्चाई जानकर हर कोई सन्न है, क्योंकि यह दूतावास ऐसे देशों के नाम पर चल रहा था जो असल में हैं ही नहीं।
कौन चला रहा था यह फर्जी दूतावास?
इस फर्जीवाड़े के पीछे हर्षवर्धन जैन नाम का एक व्यक्ति है, जिसे यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। जैन खुद को "वेस्ट आर्कटिक," "सैबोर्गा," "पॉलविया," और "लोडोनिया" जैसे काल्पनिक देशों का कॉन्सुल या एम्बेसडर बताता था। यही नहीं, वह खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली व्यक्ति दिखाकर लोगों को गुमराह करता था।
क्या करता था यह 'एम्बेसडर'?
हर्षवर्धन जैन के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। वह न केवल फर्जी दूतावास चला रहा था, बल्कि हवाला रैकेट के जरिए अवैध लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल था। उसके पास से कई विदेशी झंडे, फर्जी पहचान पत्र, लेटरहेड, और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की तरह बनाए गए बिल्ले और दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
लोगों को कैसे बनाता था शिकार?
एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जैन खुद को हाई-प्रोफाइल एम्बेसडर और राजनयिक बताकर लोगों को फर्जी सम्मान, पदवी और विदेश यात्रा के नाम पर ठगता था। वह सोशल मीडिया और ऑनलाइन पोर्टलों पर भी इन तथाकथित देशों के नाम से प्रचार-प्रसार करता था, जिससे लोग झांसे में आ जाएं।
STF की कार्रवाई से मचा हड़कंप
नोएडा एसटीएफ की इस कार्रवाई ने न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में चर्चा छेड़ दी है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह फर्जी दूतावास केवल दिखावा नहीं, बल्कि एक संगठित ठगी और हवाला रैकेट का अड्डा था, जिसकी जड़ें देश के कई अन्य हिस्सों में भी हो सकती हैं। मामले की विस्तृत जांच जारी है।
असली देश नहीं, लेकिन असली ठगी
"वेस्ट आर्कटिक," "सैबोर्गा," "लोडोनिया" जैसे देशों के नाम भले ही गूगल पर मौजूद कुछ काल्पनिक या विवादित टेरिटरीज़ के रूप में मिल जाएं, लेकिन भारत सरकार ने इन्हें किसी भी तरह से मान्यता नहीं दी है। ऐसे में इनके नाम पर दूतावास चलाना पूरी तरह गैरकानूनी है।