फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 2 महिलाओं समेत 18 गिरफ्तार, विदेशियों से लाखों की ठगी का खुलासा
उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर क्राइम से जुड़ा एक बड़ा खुलासा सामने आया है। नोएडा पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए दो महिलाओं समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर उनसे लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस ने इनके कब्जे से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
कैसे करते थे ठगी?
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह खुद को माइक्रोसॉफ्ट या अन्य टेक्निकल कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर विदेशों में रहने वाले लोगों को कॉल करता था। कॉल करने वाले इन लोगों को यह बताते थे कि उनके कंप्यूटर में वायरस है या फिर सिस्टम हैक हो चुका है। इसके बाद सुरक्षा और सिस्टम ठीक करने के नाम पर उन्हें रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवाया जाता था। एक बार जब पीड़ित इनके जाल में फंस जाता, तो उससे कथित “फिक्सिंग चार्ज” या “सर्विस फीस” के नाम पर मोटी रकम ऐंठ ली जाती।
क्या-क्या बरामद हुआ?
गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से निम्नलिखित सामान बरामद किया गया है:
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23 लैपटॉप
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25 हेडसेट
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23 माउस
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27 लैपटॉप चार्जर
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17 मोबाइल फोन
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1 पेन ड्राइव
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माइक्रोसॉफ्ट के नाम से बने फर्जी आईडी कार्ड
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये लोग एक उच्च तकनीक से लैस सेटअप चला रहे थे, जो देखने में एक वैध कॉल सेंटर जैसा प्रतीत होता था। लेकिन इसकी आड़ में बड़े पैमाने पर साइबर ठगी की जा रही थी।
पुलिस की प्रतिक्रिया
नोएडा पुलिस के साइबर सेल के अधिकारियों ने कहा, “यह एक संगठित गिरोह है, जो खासतौर पर विदेशी नागरिकों को निशाना बनाता था। गिरोह में तकनीकी रूप से दक्ष लोग शामिल हैं जो अंग्रेजी में धाराप्रवाह बातचीत कर सकते हैं और प्रोफेशनल अंदाज़ में कॉल करते थे। इनके खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।”
लगातार बढ़ रहा साइबर अपराध
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर अपराध किस तरह आम लोगों को ही नहीं, बल्कि विदेशी नागरिकों को भी निशाना बना रहा है। फर्जी कॉल सेंटरों के ज़रिए की जा रही इस तरह की ठगी से भारत की साख को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुँचता है।