आगरा से गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल: दो मुस्लिम युवकों ने दोस्तों संग निकाली कांवड़ यात्रा
सावन माह में जहां चारों ओर भक्ति और श्रद्धा का माहौल छाया हुआ है, वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा से एक ऐसी मिसाल सामने आई है जो धार्मिक सौहार्द और गंगा-जमुनी तहजीब की खूबसूरती को दर्शाती है। यहां दो मुस्लिम युवकों ने अपने हिंदू दोस्तों के साथ कांवड़ यात्रा पर निकलकर सांप्रदायिक एकता का संदेश दिया है, जो पूरे देश में सराहना का विषय बन गया है।
सावन में शिवभक्ति और भाईचारे की मिसाल
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और कांवड़ यात्रा में श्रद्धालु गंगा जल लेकर शिवालयों में जलाभिषेक करने जाते हैं। इसी परंपरा को निभाते हुए आगरा के रहने वाले मोहम्मद शमीम और सलीम खान अपने हिंदू मित्रों के साथ मिलकर हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवभक्त के रूप में निकले हैं।
इन युवकों ने भगवा वस्त्र धारण कर, हाथ में कांवड़ थामे और 'बम-बम भोले' के जयकारों के साथ यह यात्रा शुरू की। उनका कहना है कि धर्म बांटने का नहीं, जोड़ने का काम करता है, और यही संदेश वे समाज को देना चाहते हैं।
मुस्लिम युवकों की भावनाएं
मोहम्मद शमीम का कहना है,
"हमने अपने बचपन से ही देखा है कि हमारे मोहल्ले में शिवरात्रि, रामनवमी या सावन जैसे त्योहार मिल-जुलकर मनाए जाते हैं। आज भी वही परंपरा निभा रहे हैं। भगवान शिव से हमारी भी आस्था जुड़ी हुई है।"
वहीं सलीम कहते हैं,
"यह यात्रा सिर्फ भक्ति नहीं, बल्कि भाईचारे और प्रेम का संदेश लेकर निकली है।"
स्थानीय लोगों ने की सराहना
इन युवाओं के इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने खूब सराहना की। कई लोगों ने उनके साथ सेल्फी ली और उन्हें शिवभक्ति के इस मार्ग पर शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया पर भी यह तस्वीरें वायरल हो रही हैं और लोग इसे देश की सांस्कृतिक विविधता की सच्ची पहचान बता रहे हैं।
प्रशासन भी कर रहा सहयोग
कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासन ने भी सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। वहीं इस अनूठी मिसाल को देखकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मुस्कराते नजर आए, और कहा कि "ऐसे प्रयास समाज को जोड़ने वाले हैं और इन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।"