यूपी जिलौन में पूर्व विधायक के घर में कर्मचारी की बर्बर पिटाई, डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
उत्तर प्रदेश के जिलौन जिले में कांग्रेस के पूर्व विधायक रामप्रसाद अहिरवार और बसपा से विधायक रहे उनके पुत्र अजय सिंह के घर में एक कर्मचारी के साथ बर्बरता का मामला सामने आया है। आरोप है कि कर्मचारी को इतना पीटा गया कि वह मरणासन्न हो गया।
सूचना के अनुसार, पूर्व विधायक के घर में कामकाज देखने वाले इस कर्मचारी के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई। उसके शरीर पर गंभीर चोटें आईं और उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। घटना के दौरान पूर्व विधायक के दो पौत्र ने उसे लहूलुहान हालत में स्ट्रेचर पर लिटाकर तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाने का प्रयास किया।
हालांकि, जब डॉक्टरों ने कर्मचारी की स्थिति का परीक्षण किया, तो उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना है कि घाव गंभीर और अंदरूनी चोटों के कारण मृत्युदरूण स्थिति उत्पन्न हुई थी। यह घटना इलाके में सनसनी फैल गई और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश देखा गया।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। अब तक पुलिस ने इस मामले में छह लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह घटना मानवाधिकारों और कर्मचारियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर है। उन्होंने प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
इस घटना ने राजनीतिक परिवारों में उत्पन्न हिंसा और कर्मचारियों के प्रति उत्पीड़न के मुद्दों को भी उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि घरों और कार्यालयों में कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है और किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
पुलिस ने मामले की जांच में फॉरेंसिक टीम को भी शामिल किया है। सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर आरोपी की पहचान और गिरफ्तारियां की जा रही हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले ने पूरे जिलौन में सामाजिक और राजनीतिक चर्चा को जन्म दिया है। लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं कानून और व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं और प्रशासन को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
अंततः, इस बर्बर घटना ने यह संदेश दिया है कि कर्मचारियों की सुरक्षा और मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करना हर घर और संस्थान की जिम्मेदारी है। पुलिस की तत्परता और न्यायिक प्रक्रिया से ही ऐसे मामलों में न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।