मुरादाबाद मंडल के गांवों में ड्रोन की दहशत, ग्रामीणों ने संभाली सुरक्षा की कमान
मुरादाबाद मंडल के सैकड़ों गांवों में इन दिनों अजीब सी दहशत का माहौल है। रहस्यमय ढंग से उड़ते ड्रोन के वीडियो और अफवाहों ने ग्रामीणों को चौकन्ना कर दिया है। आलम यह है कि कई गांवों में युवाओं ने टोलियां बना ली हैं जो रात के समय पहरा देती हैं और किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव में आने से पहले उसकी पहचान (आईडी) की जांच करती हैं। यह स्थिति लगातार बढ़ती अफवाहों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की वजह से उत्पन्न हुई है।
ग्रामीणों के बीच यह डर फैल गया है कि ड्रोन का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों, बच्चों की तस्करी या जासूसी के लिए किया जा रहा है। हालांकि, इन आशंकाओं की अब तक कोई ठोस पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन डर का माहौल इस कदर है कि गांवों में बाहरी व्यक्तियों को देखकर लोग सतर्क हो जाते हैं। कई स्थानों पर तो ग्रामीणों ने खुद ही सड़क किनारे चेकपोस्ट बनाकर निगरानी शुरू कर दी है।
मुरादाबाद मंडल की पुलिस भी इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सक्रिय हो गई है। प्रशासन की ओर से गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस अधिकारी लोगों को समझा रहे हैं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के कोई वीडियो या संदेश शेयर न करें। इससे माहौल और अधिक खराब हो सकता है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक किसी भी स्थान पर किसी अवैध ड्रोन गतिविधि की पुष्टि नहीं हुई है। यह संभव है कि कुछ वीडियो पुराने हों या एडिट किए गए हों, जो भ्रम पैदा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को ड्रोन या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि आवश्यक जांच की जा सके।
गौरतलब है कि ड्रोन का उपयोग वर्तमान समय में कृषि, निगरानी, फोटोग्राफी और कई अन्य कार्यों में आम हो चुका है। लेकिन जब इस तकनीक का रहस्यमय ढंग से उपयोग होता दिखता है और इसके पीछे कोई स्पष्ट वजह नहीं होती, तो लोगों में स्वाभाविक रूप से डर उत्पन्न हो जाता है।
फिलहाल, पुलिस और प्रशासन की ओर से यह अपील की जा रही है कि लोग संयम और समझदारी से काम लें। अफवाहों के पीछे न भागें और सामुदायिक सहयोग के जरिए शांति व्यवस्था बनाए रखें। इस संदर्भ में साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और संदेशों की सत्यता की जांच कर रही है।