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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 44वें दीक्षा समारोह में 75 विद्यार्थियों को 161 स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे

 

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 44वें दीक्षा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने समारोह में प्रदान किए जाने वाले स्वर्ण पदक विजेताओं के नामों पर अंतिम मुहर लगा दी है। इस बार कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के हाथों कुल 75 विद्यार्थियों को कुल 161 स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे। यह समारोह विश्वविद्यालय के गौरव और विद्यार्थियों की मेहनत का उत्सव होगा।

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि इस बार पदकों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है, जो इस बात का प्रमाण है कि विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। स्वर्ण पदक विद्यार्थियों को उनकी अकादमिक उपलब्धियों के लिए दिया जाता है और यह उनके उज्जवल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होता है।

कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, जो इस समारोह की अध्यक्षता करेंगी, ने कहा है कि शिक्षा ही समाज के विकास का सबसे बड़ा माध्यम है। उन्होंने सभी पदक विजेताओं को बधाई दी और कहा कि यह सफलता केवल एक शुरुआत है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे अपनी पढ़ाई और मेहनत के जरिए देश का नाम रोशन करें और समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनें।

विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस अवसर पर समारोह की तैयारियों का जायजा लिया। दीक्षा समारोह में विद्यार्थियों के परिवारजनों और शिक्षकों की भी उपस्थिति रहेगी, जो इस अवसर को यादगार बनाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोविड-19 के मद्देनजर सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करने का भी आश्वासन दिया है।

पदक वितरण समारोह के दौरान विभिन्न विभागों के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। यह समारोह छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा और आने वाले छात्रों के लिए भी एक लक्ष्य स्थापित करेगा।

यह दीक्षा समारोह विद्यार्थियों के शैक्षणिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय होता है, जिसमें वे अपने ज्ञान और मेहनत का फल प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही यह समारोह विश्वविद्यालय की गुणवत्ता और शिक्षा के स्तर को भी दर्शाता है।

विश्वविद्यालय ने आगामी दिनों में समारोह की तिथि और अन्य विवरणों की घोषणा कर दी है, जिससे विद्यार्थियों और उनके परिवारों को तैयारी में सुविधा हो। इस बार का दीक्षा समारोह विश्वविद्यालय के इतिहास में एक यादगार आयोजन के रूप में दर्ज होगा।