यूपीपीएससी की अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा की उल्टी गिनती शुरू, मंगलवार को नोडल अफसरों की अहम बैठक
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली समीक्षा अधिकारी (RO)/सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) प्रारंभिक परीक्षा-2023 की तैयारियों ने अब रफ्तार पकड़ ली है। आयोग ने मंगलवार को सभी जिलों के नोडल अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें परीक्षा आयोजन से जुड़ी व्यवस्थाओं पर मंथन होगा।
गौरतलब है कि यह परीक्षा 27 जुलाई 2025 को प्रस्तावित है और यूपीपीएससी के इतिहास की सबसे बड़ी प्रारंभिक परीक्षा मानी जा रही है। अभ्यर्थियों की भारी संख्या, सेंटर की व्यवस्थाएं, पेपर की सुरक्षा और निष्पक्षता सुनिश्चित करना—इन सभी पहलुओं को लेकर आयोग के सामने यह परीक्षा एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती बनकर उभरी है।
परीक्षा में रिकॉर्ड तोड़ अभ्यर्थी होंगे शामिल
आयोग के अनुसार, इस परीक्षा में रिकॉर्ड संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। आरओ/एआरओ की यह परीक्षा उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों के हजारों परीक्षा केंद्रों पर एक साथ आयोजित की जाएगी। परीक्षा की विशालता को देखते हुए इसे आयोग के इतिहास की सबसे बड़ी प्रारंभिक परीक्षा कहा जा रहा है।
बैठक में क्या होंगे प्रमुख एजेंडे?
मंगलवार को होने वाली बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी:
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प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था
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परीक्षा केंद्रों की निगरानी और सीसीटीवी कवरेज
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फ्लाइंग स्क्वॉड की तैनाती
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ईवेंट आधारित निगरानी प्रणाली
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निष्पक्ष परीक्षा के लिए अफवाहों और नकल रोकने की रणनीति
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पुलिस और प्रशासनिक समन्वय
बैठक में सभी जिलों के नोडल अफसर, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल और भौतिक रूप से शामिल होंगे।
आयोग की ओर से पूरी पारदर्शिता की तैयारी
यूपीपीएससी के अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा के आयोजन में किसी भी तरह की लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आयोग का लक्ष्य है कि यह परीक्षा नकलमुक्त, पारदर्शी और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।
अभ्यर्थियों के लिए भी अलर्ट
आयोग की ओर से अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह या फर्जी सूचना से बचें और केवल आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से ही सूचना प्राप्त करें। साथ ही परीक्षा से पहले आयोग की ओर से एडमिट कार्ड और दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, जिनका पालन अनिवार्य होगा।