नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण फैलाने की साजिश, छांगुर करता था युवाओं की मानसिकता की जांच, जलसों में बांटता था जिहादी परचे
उत्तर प्रदेश पुलिस की गिरफ्त में आए धर्मांतरण और देशविरोधी गतिविधियों के आरोपी छांगुर को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि छांगुर नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण का अड्डा स्थापित करने की साजिश में जुटा था। इसके लिए उसने न सिर्फ अपनी टीम तैयार की, बल्कि सीमावर्ती इलाकों के युवाओं को निशाने पर लेने की रणनीति भी बना रखी थी।
छांगुर की नजर खासतौर पर नेपाल सीमा से लगे 46 गांवों के युवाओं पर थी। वह अलग-अलग धार्मिक जलसों और सामाजिक आयोजनों के जरिए वहां घुसपैठ की कोशिश करता और युवाओं की सोच और धार्मिक झुकाव को समझने की कोशिश करता था।
तकरीरों और परचों के जरिए बनाता था मानसिक दबाव
सूत्रों के अनुसार, छांगुर अपने नेटवर्क के साथ धार्मिक जलसों में तकरीर करता था, जिसके बाद जिहादी विचारधारा से जुड़े परचे भी बांटता था। उसका मकसद यह जानना था कि सीमा से सटे गांवों में रहने वाले युवाओं की सोच कितनी कट्टर है और क्या वे जिहाद की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
इन आयोजनों में वह कुछ सवालों और विचारों को परोक्ष रूप से उछालता, ताकि युवाओं की प्रतिक्रिया को परखा जा सके। जो युवा उसकी सोच से प्रभावित होते, उन पर वह नज़दीकी निगरानी शुरू करता और फिर उन्हें धर्मांतरण या कट्टरता की ओर मोड़ने की कोशिश करता था।
नेपाल में भी बनाना चाहता था नेटवर्क
जांच एजेंसियों का दावा है कि छांगुर भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता का फायदा उठाकर नेपाल में भी अपनी पैठ जमाने की फिराक में था। इसके लिए उसने भारत की सीमा पर स्थित गांवों को सांप्रदायिक प्रयोगशाला बना लिया था।
नेपाल से संपर्क रखने वाले कुछ लोगों से उसकी फोन और सोशल मीडिया के जरिए बातचीत होती थी। अब एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि क्या उसका कोई सीधा संपर्क विदेशी आतंकी संगठनों या कट्टरपंथी संगठनों से था।
टीम बनाकर चलाता था पूरा तंत्र
छांगुर ने अकेले काम नहीं किया। उसने स्थानीय युवाओं और कुछ कथित धार्मिक नेताओं की मदद से एक टीम बनाई थी, जो गांव-गांव जाकर प्रभावित करने, पहचान करने और रिपोर्ट देने का काम करती थी। कई मामलों में ये लोग धार्मिक चंगाई सभाओं और सामाजिक कार्यक्रमों के बहाने गतिविधियों को अंजाम देते थे।
पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क
छांगुर की गिरफ्तारी के बाद राज्य और केंद्र की खुफिया एजेंसियों ने नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। पुलिस के अनुसार, उसके मोबाइल और डिजिटल उपकरणों की जांच से कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। इनसे न केवल उसकी साजिशों की परतें खुल रही हैं, बल्कि उसके सहयोगियों और नेटवर्क की भी पहचान की जा रही है।